मानव जाति का भविष्य कहाँ है?
दुनिया की तथाकथित सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के आवास और शहरी विकास विभाग द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वहाँ बेघरों की संख्या 18% बढ़ गई, जो जनवरी 2024 में 770,000 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई.
रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अमेरिकी समाज की पूरी तस्वीर प्रस्तुत करती है - अमीर लगातार अमीर होते जा रहे हैं और गरीब और गरीब होते जा रहे हैं।
वहीं फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे यूरोपीय देश बेघरों की संख्या, जिनकी संख्या दस लाख से अधिक है, के मामले में अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.
वहाँ कैच-22 स्थिति (एक दुविधा या कठिन परिस्थिति जिससे परस्पर विरोधी या आश्रित स्थितियों के कारण छुटकारा नहीं मिलता) बनी हुई है जहां किसी को स्थायी निवास के बिना नौकरी नहीं मिल सकती है और कोई बिना वेतन के निवास का खर्च वहन नहीं कर सकता है, जैसा कि कई विदेशी मीडिया ने विस्तार से बताया है.
तो फिर क्या कारण है कि पश्चिमी देशों में अपनी सभ्यता, अत्यधिक विकसित अर्थव्यवस्था और विशाल धन-संपदा के बावजूद इतने सारे लोग सड़कों पर भिखारी बनकर रह गए हैं?
ऐसा इसलिए है क्योंकि पूंजीवादी व्यवस्था स्वयं अत्यधिक अहंकारवाद पर आधारित है, एक जनता विरोधी व्यवस्था जिसका उद्देश्य कामकाजी बहुमत के अधिकारों और हितों पर कोई ध्यान दिए बिना, केवल विशेषाधिकार प्राप्त अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करना है.ये अल्पसंख्यक और कोई नहीं मुट्ठी भर धनपशु हैं. धनपशुओं का यह गिरोह पूरी व्यवस्था को अपनी जेब में रखता है.ये लोग नेताओं को खरीदते हैं, नीतियां लिखवाते हैं और कानूनों को अपनी सुविधा के हिसाब से तोड़-मरोड़कर बनवाते हैं. लगभग पूरी दुनिया इस मृगतृष्णा में जी रही है कि उसकी सरकारें जनता की हैं.असल में वे सरकारें उन लोगों की गुलाम हैं, जिनके पास अथाह पैसा और उसे बढ़ाने की हवस है.
केवल मुट्ठी भर अमीर लोग नए साल के मौके पर शहर में हर तरह के व्यंजनों का भरपूर स्वाद ले रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे लोग जिनके पास न घर है और न ही पैसे, वे किसी तारणहार की तलाश में ठंड से कांपते हुए आसमान की ओर देख रहे हैं - ऐसी दुर्दशा है पूंजीवादी समाज का जिसका कोई भविष्य नहीं है.
इसके विपरीत, जनवादी कोरिया जिसे इन धनपशुओं द्वारा संचालित मीडिया द्वारा "धरती का नरक" जैसे कितनी उपमाओं द्वारा दुनिया भर में बदनाम किया गया है. उसी जनवादी कोरिया में यह एक दैनिक दृश्य बन गया है कि देश भर के लोग अपने गृहप्रवेश समारोहों में गाते और नाचते देखे जाते हैं.
जनवादी कोरिया में बहुत से लोग जो बिना यह जाने बड़े हुए कि बेघर होना क्या होता है, अब समाजवादी कल्याण नीति की बदौलत बेहतर, अधिक आधुनिक और बड़े तथा आजीवन निःशुल्क आवासों में चले गए हैं. सिर्फ शहरों में ही नहीं देहातों में भी लोग आजीवन निःशुल्क बड़े और आधुनिक आवासों में चले गए हैं. 2024 में भी जनवादी कोरिया की जनता को नए आवासों में बसाया जाता रहा.
आरामदायक, उज्ज्वल और गर्म घरों में नए साल का स्वागत करने वाले जनवादी कोरिया की जनता की खुशी इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि मानव जाति का भविष्य समाजवाद में है और समाजवाद ही लोगों का आदर्श है.
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