जनवादी कोरिया की महिला ट्राली बस ड्राइवर
उत्तर कोरिया के बारे में अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई कचरे को जस का तस परोसने वाले विश्वगुरु के मीडिया के अनुसार यहाँ महिलाओं को ड्राइविंग करने की इजाजत नहीं है भले ही वो ट्रैफिक ऑफिसर क्यों न हों.
इस बकवास को पूरी तरह से खारिज करते हुए इस वीडियो में प्योंगयांग शहर के कोने कोने में चलने वाली ट्राली बस की महिला ड्राइवरों का जिक्र है
इनमें से कुछ महिलाएं तो क्रमशः 36,30 और 35 वर्षों से ड्राइवर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं. इनके लिए जनता की सेवा ही परम उद्देश्य है. जनता भी इनपर भरोसा करती है. इनके द्वारा चलाए जाने वाली ट्राली बस इनके अपने शरीर की तरह ही है. इतना ही नहीं इनके उपर नए भर्ती हुए ड्राइवर कॉमरेडों को प्रशिक्षित करने की भी जिम्मेदारी है जिन्हें वे बखूबी निभाती भी हैं. इनके द्वारा चलाए जाने वाली ट्राली बसों में एक तारे का निशान बना हुआ है जो इस बात की तस्दीक करता है कि इन्होंने बिना किसी दुर्घटना के 50,000 किलोमीटर तक बस चला लीं हैं .
वहीं देश के पूर्व में स्थित वनसान शहर में चलने वाली ट्राली बस की ज्यादातर ड्राइवर महिलाएं ही हैं. यहाँ भी कई महिला ड्राइवरों को बिना किसी दुर्घटना के 50,000 किलोमीटर तक बस चलाने का अनुभव है. शहर की जनता की सेवा में ही इनकी खुशी है.
समाजवादी उत्तर कोरिया के हर कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भारी तादाद में मौजूदगी है. देश के समाजवादी संविधान में मिले अधिकारों के तहत उत्तर कोरियाई महिलाएं अक्सर मुखर, शिक्षित और बहुमुखी प्रतिभाशाली होती हैं। इसके अलावा, समाजवादी उत्तर कोरिया में पुरुषों से घरेलू मामलों और बच्चों के पालन-पोषण में सक्रिय भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है, जबकि महिलाएं अपना करियर अपनाती हैं.
इसके अलावा , वहाँ महिलाओं की भौतिक और सामाजिक विज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है , और कई महिलाएं स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय शासन में सक्रिय भूमिका भी निभाती हैं। पूंजीवादी दुनिया के विपरीत उत्तर कोरियाई महिलाएं व्यावसायिक सेक्स और सौंदर्य उद्योगों से आजाद हैं.इस अर्थ में, उत्तर कोरिया में महिलाओं ने समानता और सम्मान का स्तर हासिल कर लिया है जबकि इसके लिए दुनिया के कई हिस्सों में उनके समकक्ष संघर्ष कर रहे हैं.
तथाकथित विकसित और आजाद लोकतंत्र कहे जाने वाले दक्षिण कोरिया में महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय है. विश्व आर्थिक फोरम(WEF) की 2021 की सालाना लैंगिक समानता रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी के लिहाज से दक्षिण कोरिया 156 देशों में 123 वें स्थान पर है (उत्तर कोरिया इन 156 देशों में शामिल नहीं है). यहाँ तक कि महिलाओं के लिए खतरनाक देशों में शुमार होने वाले विश्व गुरु भी 2019 तक इस रिपोर्ट में दक्षिण कोरिया से कभी 8-10 तो कभी 20-25 पायदान उपर रहा करता था. खैर दक्षिण कोरिया में महिलाओं की दुर्दशा पर पूरा ग्रंथ लिखा जा सकता है तो इस लेख की क्या बिसात.
दक्षिण कोरिया और विश्वगुरु जैसे पूंजीवादी नरक में जहाँ महिलाएं पुरुषों की पैर की जूती समझी जाती हैं. वहींं समाजवादी उत्तर कोरिया में महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली कॉमरेड हैं.
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