जनवादी कोरिया की 77 वीं वर्षगांठ
आज यानि 9 सितम्बर 2025 को जनवादी कोरिया की स्थापना का 77 वां साल है. 77 साल पहले यानि 9 सितम्बर 1948 को जनवादी कोरिया की स्थापना हुई थी.
चूँकि जनवादी कोरिया एक ऐसा देश है जिससे साम्राज्यवादी बहुत नफ़रत करते हैं और तथाकथित मुख्यधारा के मीडिया द्वारा लगातार उसे बदनाम और ज्यादा बदनाम किया जाता है, इसलिए जनवादी कोरिया की स्थापना के बारे में कई मिथक और गलतफ़हमियाँ हैं. एक आम मिथक यह है कि जनवादी कोरिया किसी बाहरी ताकतों द्वारा निर्मित देश है.
दरअसल, कोरिया को जापानी साम्राज्यवाद से कोरियाई जनवादी क्रांतिकारी सेना (कोरियन पीपुल्स रिवोल्यूशनरी आर्मी) ने आज़ाद कराया था, जिसकी स्थापना और नेतृत्व काॅमरेड किम इल संग ने किया था.यह सच है कि सोवियत सेनाएँ कोरिया की मुक्ति में शामिल थीं, लेकिन सोवियत संघ ने 9 अगस्त 1945 को ही युद्ध में प्रवेश किया था, जबकि काॅमरेड किम इल संग के नेतृत्व में जापानी-विरोधी संघर्ष 1930 में शुरू हो चुका था और उन्होंनेन 1926 में साम्राज्यवाद मुर्दाबाद संघ (Down with Imperialism, 타도제국주의연맹)का गठन किया था.
1945 में मुक्ति के बाद, काॅमरेड किम इल संग ने दृढ़ निश्चय किया कि कोरिया अपनी राह पर चलेगा, किसी दूसरे देश की नकल नहीं करेगा. दरअसल, जनवादी कोरिया का आधार और प्रेरणा जन क्रांतिकारी सरकारें थीं, जो 1930 के दशक में जापान-विरोधी सशस्त्र संघर्ष के दौरान गुरिल्ला क्षेत्रों में स्थापित की गई थीं.
उत्तर कोरिया की अंतरिम जन समिति की स्थापना कॉमरेड किम इल संग के नेतृत्व में की गई थी. कोरिया के उत्तरी भाग में कृषि सुधार जैसे उन्नत लोकतांत्रिक सुधार लागू किए गए और स्वतंत्र नीतियों का पालन किया गया.
कोरियाई प्रायद्वीप के उत्तरी भाग में जनवादी कोरिया की स्थापना संपूर्ण कोरियाई जनता की इच्छा से हुई थी.अप्रैल 1948 में काॅमरेड किम इल संग ने उत्तर और दक्षिण, दोनों देशों के राजनेताओं का एक परामर्श सम्मेलन बुलाया. इस सम्मेलन में दक्षिण कोरिया के कुछ अनुभवी कोरियाई राष्ट्रवादी राजनेताओं सहित कई लोगों ने भाग लिया. एक एकीकृत डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया बनाने और उत्तर और दक्षिण, दोनों देशों में चुनाव कराने पर सहमति बनी. अगस्त 1948 में ये चुनाव हुए.उत्तर कोरिया में 99.98 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया, जबकि दक्षिण कोरिया में अमेरिकी कब्जे और क्रूर फासीवादी दमन के कारण 77.25 प्रतिशत लोगों ने चुनावों में भाग लिया.9 सितंबर को नवनिर्वाचित सुप्रीम पीपुल्स असेंबली ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक की स्थापना की घोषणा की और काॅमरेड किम इल संग को कैबिनेट का प्रमुख चुना.
दक्षिण कोरिया में, अमेरिका ने 1945 में एक ऐसे व्यक्ति सिंग मान री को वापस कोरिया लाया था, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन से धन चुराया था और जो ऑस्ट्रिया में जन्मी अपनी पत्नी के साथ हवाई में विलासिता का जीवन जी रहा था. एक अमेरिकी लेखक मार्क गेन ने री को 'फासीवाद से दो शताब्दी पहले का - एक सच्चा प्रतिनिधि बताया था. यह उस तरह की संस्था थी जिसे अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में बनाया था; फासीवाद से भी ज़्यादा चरमपंथी और अमेरिकी संगीनों के बल पर.
जनवादी कोरिया के लोगों के लिए, इसकी स्थापना का अर्थ था कि लोगों ने सत्ता अपने हाथों में ली और एक नए जन-लोकतंत्र का निर्माण शुरू किया और एक नए समाजवादी समाज की ओर पहला कदम बढ़ाया.
जनवादी कोरिया की स्थापना, साम्राज्यवादी उत्पीड़न से कराह रहे विश्व के उत्पीड़ित लोगों के लिए, स्वतंत्रता और राष्ट्रीय मुक्ति के संघर्ष में एक शक्तिशाली प्रेरणा थी.यह समाजवाद की ओर अग्रसर अंतर्राष्ट्रीय सर्वहारा वर्ग के लिए भी एक महान प्रेरणा थी.
जनवादी कोरिया की स्थापना पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना से एक वर्ष पहले हुई थी.1948 में एशिया के कुछ देशों को स्वतंत्रता नहीं मिली थी, उदाहरण के लिए मलेशिया, लाओस और कंबोडिया.फिलीपींस जैसे अन्य देशों पर प्रतिक्रियावादी कठपुतली शासन थ. भारत ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता तो प्राप्त कर ली थी, लेकिन वास्तव में उस पर अभी भी ब्रिटिश प्रभाव काफ़ी था और उसकी सामाजिक संरचनाएँ प्रतिक्रियावादी थीं. यह जनवादी कोरिया की स्थापना की विशाल उपलब्धि को दर्शाता है.
जनवादी दुनिया का सबसे स्वतंत्र देश है. जैसा कि काॅमरेड किम जंग इल ने लिखा था, "हमारा गणराज्य एक स्वतंत्र समाजवादी राज्य है जो अपने आत्मनिर्भर चरित्र को पूरी तरह से बनाए रखता है और अपने विकास और गतिविधियों में अपनी राष्ट्रीय पहचान को पूरी तरह से संरक्षित करता है. यह चरित्र और राष्ट्रीय पहचान किसी देश, राष्ट्र और जनता की स्वतंत्रता और जीवन रेखा हैं.स्वतंत्रता के लिए जनता का संघर्ष देश को एक इकाई के रूप में लेकर लड़ा जाता है, इसलिए प्रत्येक देश की पार्टी, सरकार और जनता को स्वतंत्र और रचनात्मक रूप से स्वामी के रूप में क्रांति और निर्माण का संचालन करना चाहिए."
जनवादी कोरिया की धरती पर कोई विदेशी सैनिक तैनात नहीं है और यह आईएमएफ, विश्व बैंक, डब्ल्यूटीओ या एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC)का सदस्य नहीं है. 1948 में अपनी स्थापना के बाद से, चमत्कारी रुप से बहुत तेज गति से आगे बढ़ा है. 1953 में, जब देश युद्ध की आग में झुलस रहा था, तब जनवादी कोरिया में मुफ्त चिकित्सा सेवा शुरू की गई और 1959 में मुफ्त सार्वभौमिक अनिवार्य शिक्षा शुरू की गई. 1958 तक, जनवादी कोरिया ने उत्पादन, वितरण और विनिमय के साधनों का पूर्ण समाजीकरण कर दिया था और इस प्रकार शोषण और उत्पीड़न के स्रोत से मुक्त एक उन्नत समाजवादी व्यवस्था का निर्माण किया.
जनवादी कोरिया में कृषि सामूहिकीकरण या सहकारिताकरण चार वर्षों में पूरा हो गया, जबकि सोवियत संघ में इसमें आठ वर्ष और समाजवादी अल्बानिया में पंद्रह से बीस वर्ष लगे.
1950 के दशक के उत्तरार्ध में, भवन निर्माण श्रमिकों ने 14 मिनट में एक फ्लैट बनाकर दिखा दिया.औद्योगिक उत्पादन वृद्धि एक वर्ष में 44 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि पर पहुँच गई। भरपूर फसल हुई.पंचवर्षीय योजना सभी संकेतकों पर निर्धारित समय से एक वर्ष पहले पूरी हो गई. जनवादी कोरिया एशिया के प्रमुख औद्योगिक देशों में शुमार हो गया.
1957-1970 की अवधि के दौरान जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था में 19.1% की वृद्धि हुई. 1970-1979 की अवधि में जनवादी कोरिया का औद्योगिक उत्पादन मूल्य 15.9% वार्षिक दर से बढ़ा और छह वर्षीय योजना अवधि (1971-1976) के दौरान इसमें 16.3% वार्षिक वृद्धि हुई.1946 और 1984 के बीच औद्योगिक उत्पादन मूल्य में 431 गुना वृद्धि हुई और राष्ट्रीय आय में 65 गुना वृद्धि हुई, और वार्षिक वृद्धि दर 14.1% रही.
आज का काॅमरेड किम जंग उन के नेतृत्व में, जनवादी कोरिया नई उंचाईयों को छू रहा है. और खाली ज़मीन पर बिल्कुल नई इमारतें उभर रही हैं. अप्रैल 2016 में रयोम्यंग स्ट्रीट एक समतल ज़मीन थी, लेकिन एक साल बाद अप्रैल 2017 में गगनचुंबी इमारतों और सभी प्रकार की आधुनिक सांस्कृतिक सुविधाओं से भरी एक बिल्कुल नया टाउनशिप तैयार खड़ा था.
जनवादी कोरिया के उत्तरी भाग में सामजियन में एक नया शहर बसाया गया. अब ग्रामीण इलाकों में निर्माण का एक विशाल कार्यक्रम शुरू किया गया है और 80,000 नए घर बनाए जा चुके हैं. 20x10 क्षेत्रीय विकास नीति लागू की गई है और कई नए कारखाने स्थापित किए गए हैं. जनवादी कोरिया एक समाजवादी स्वर्ग की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. इसलिए डीपीआरके के लोगों के पास अपने राष्ट्रीय दिवस पर जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ है.
जनवादी कोरिया जिंदाबाद!!!
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