जनवादी कोरिया में व्यक्ति पूजा(?)

 जनवादी कोरिया के खिलाफ लगाए जाने वाले सबसे आम आरोपों में से एक यह है कि वहाँ नेताओं की व्यक्ति पूजा की जाती है. जनवादी कोरिया के पूर्व नेताओं की कांस्य प्रतिमाओं, दीवारों पर लटकी उनकी तस्वीरों और वहाँ की जनता द्वारा उनके प्रति दिखाए जाने वाले सम्मान को एक अचंभे की तरह पेश किया जाता है.

हालांकि, महान नेताओं का सम्मान न तो जनवादी कोरिया के लिए अद्वितीय है और न ही यह कोई अचंभे वाली बात है.

राज्यों के संस्थापकों, महत्वपूर्ण राष्ट्राध्यक्षों और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक नेताओं को दुनिया के कई देशों, समाजवादी और पूंजीवादी दोनों में सम्मानित किया जाता है. यहाँ हम तीन देशों का उदाहरण लेंगे.


तुर्किए में अतातुर्क की पूजा

तुर्किए यूरोप का एक पूंजीवादी देश है.यह पश्चिमी साम्राज्यवादी सैनिक संगठन नाटो का सदस्य भी है.इसलिए जनवादी कोरिया की तुलना में इसकी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था बहुत अलग है.


 तुर्किए के लोग बहुत देशभक्त हैं और उनमें तुर्कीय गौरव की भावना बहुत प्रबल है.वे न केवल अपने देश से प्यार करते हैं, बल्कि इसके संस्थापक मुस्तफा कमाल पाशा यानि अतातुर्क का भी सम्मान करते हैं, जो तुर्क लोगों के पिता हैं. तुर्किए में कई लोग गर्व से अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, जिस पर अक्सर अतातुर्क की तस्वीर होती है.अतातुर्क की तस्वीरें कई रेस्तरां और सार्वजनिक इमारतों में पाई जा सकती हैं, यहाँ तक की निजी घरों में भी.

 




देशभर में अतातुर्क की मूर्तियाँ और उनके द्वारा देखी गई जगहों पर स्मारक भी हैं। कई सार्वजनिक स्थानों और संस्थानों पर अतातुर्क का नाम अंकित है, जैसे इस्तांबुल, अंताल्या, अंकारा, सैमसन और निकोसिया में अतातुर्क सांस्कृतिक केंद्र.

इतना ही नहीं अतातुर्क यानि मुस्तफा कमाल पाशा की मृत्यु के दिन और समय यानि 10 नवंबर के दिन सुबह 9 बजकर 5 मिनट को हर साल पूरे तुर्किए में सारी गाड़ियां 1 मिनट के लिए रूक कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है. अतातुर्क की मृत्यु के 85 साल बाद भी वहाँ के लोग उनका ऐसा सम्मान करते हैं. क्या किसी ने खासकर अमेरिका और उसके वफादार दक्षिण कोरिया और उनके भाड़े के ट्टटू " बुद्धिजीवीयों ने जनवादी कोरिया के जैसे तुर्किए पर इस तथाकथित व्यक्ति पूजा का आरोप लगाया? 



पूर्व जर्मन जनवादी गणराज्य (पूर्वी जर्मनी)में काॅमरेड अर्न्स्ट थालमन का सम्मान 


चीनी जनवादी गणराज्य, पूर्व सोवियत संघ और पूर्वी जर्मनी जैसे अन्य समाजवादी राज्यों में महान क्रांतिकारियों का सम्मान किया जाता था और कुछ मामलों में आज भी किया जाता है. आइए पूर्वी जर्मनी के उदाहरण पर करीब से नज़र डालें.


काॅमरेड अर्न्स्ट थालमन ने जर्मन राष्ट्रीय नायक के रूप में जर्मनी में विशेष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. काॅमरेड अर्न्स्ट थालमन 1925 से जर्मनी की कम्युनिस्ट पार्टी (केपीडी) के अध्यक्ष थे, जो उनके नेतृत्व में एक जन पार्टी बन गई. उन्हें नाजी शासन के सबसे प्रमुख विरोधियों में से एक माना जाता था, जिन्होंने मौत की धमकियों के बावजूद भी हार नहीं मानी. 18 अगस्त 1944 को बुचेनवाल्ड एकाग्रता शिविर में नाजियों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई. पूर्वी जर्मनी में, उन्हें एक महान श्रमिक नेता और फासीवाद विरोधी के रूप में सम्मानित किया गया.


पूर्वी जर्मनी में कई बड़े और छोटे थेलमन स्मारक और प्रतिमाएँ बनाई गईं. पूर्वी जर्मनी के अग्रणी संगठन ने गर्व से अर्नस्ट थेलमन नाम धारण किया. उनके बारे में फ़िल्में बनाई गईं और उनके बारे में गीत लिखे गए। यहाँ तक कि उनकी छवि वाले डाक टिकट भी जारी किए गए. 





आज भी, पूर्व और पश्चिम के वर्ग-जागरूक कार्यकर्ता काॅमरेड थेलमन का सम्मान करना जारी रखते हैं। उनकी मृत्यु की सालगिरह और उनके जन्मदिन जैसी वर्षगांठों पर, वे थेलमन को याद करने के लिए उनकी मूर्तियों और स्मारकों पर इकट्ठा होते हैं. 


अमेरिका में राष्ट्रपतियों की अत्यधिक पूजा


'व्यक्ति पूजा' के आरोप का दोहरा मापदंड विशेष रूप से तब स्पष्ट होता है जब कोई संयुक्त राज्य अमेरिका को देखता है. यह देश, जिसके नेता लगातार जनवादी कोरिया और अन्य समाजवादी और साम्राज्यवाद-विरोधी राज्यों के खिलाफ व्यक्तित्व पंथ के आरोप लगाते हैं, खुद अपने पूर्व राष्ट्रपतियों का अतिशयोक्तिपूर्ण तरीके से सम्मान करता है.


फिर भी ये पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति सम्माननीय राजनेता नहीं थे. वे विश्व इतिहास के सबसे बुरे अपराधियों में से हैं.उन्होंने वहाँ के मूल निवासियों रेड इंडियन को उनकी भूमि से खदेड़ दिया और उनका नरसंहार किया. इस चुराई गई भूमि पर, उन्होंने एक रंगभेदी राज्य की स्थापना की. उन्ह लोगों ने अफ्रीका के लोगों को पकड़ कर इस रंगभेदी राज्य में लाया ताकि उन्हें खेत के काम के लिए गुलामों के रूप में प्रताड़ित किया जा सके.


इस रंगभेदी राज्य के पहले चार राष्ट्रपतियों के चेहरे दक्षिण डकोटा स्थित रशमोर (लकोटा इंडियन के 6 दादाओं का पहाड़(Six Grandfathers Mountain) में उकेरे गए थे, इस पहाड़ को लकोटा इंडियन द्वारा पवित्र माना जाता है। आज, यह संयुक्त राज्य अमेरिका में 'लोकतंत्र के तीर्थ' के रूप में जाने जाते हैं।

इतना ही नहीं अमेरिका में, बच्चों को बचपन से ही अपने अपराधी राष्ट्रपतियों की पूजा करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जैसे कि जॉर्ज वाशिंगटन, जो संयुक्त राज्य अमेरिका का संस्थापक था. वे ऐसे गाने सीखते हैं जो इन हत्यारों का महिमामंडन करते हैं. सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक का नाम है "जॉर्ज वाशिंगटन".


संयुक्त राज्य अमेरिका में अन्य स्मारक भी हैं, जैसे कि अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में लिंकन मेमोरियल.पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों को डाक टिकटों और मुद्रा पर भी दर्शाया गया है।

निष्कर्ष के तौर पर यह कहा जा सकता है कि महत्वपूर्ण राजनेताओं, राजनीतिक नेताओं और क्रांतिकारियों का सम्मान केवल जनवादी कोरिया में ही नहीं होता है. हर देश के अपने राष्ट्रीय नायक होते हैं, और उनका सम्मान अक्सर किसी देश की राष्ट्रीय संस्कृति और पहचान का हिस्सा होता है.


सीधी सी बात है 'व्यक्ति पूजा' शब्द केवल उन देशों को बदनाम करने और उन्हें अवैध ठहराने के लिए काम करता है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए काँटा हैं, जैसे कि जनवादी कोरिया. विशेष रूप से, संयुक्त राज्य अमेरिका के संस्थापक जॉर्ज वाशिंगटन जैसे अपराधी अमेरिकी राष्ट्रपतियों के प्रति संयुक्त राज्य अमेरिका की अतिशयोक्तिपूर्ण श्रद्धा, जनवादी कोरिया के खिलाफ व्यक्ति पूजा के आरोप को हास्यास्पद बनाती है और संयुक्त राज्य अमेरिका के दोहरे मानदंडों को उजागर करती है.

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