यूक्रेन में जनवादी कोरिया के सैनिक(?)-4

 यूक्रेन में जनवादी कोरिया के सैनिकों की मौजूदगी के मिथक का हुआ पर्दाफाश!


तीन महीने के गहन प्रचार के बाद सीआईए ने यूक्रेनी दुष्प्रचार योजना को ख़त्म करने का निर्णय लिया.

और घोषणा की कि (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों को 'फ्रंट लाइन से हटा दिया जाएगा'। खैर, सवाल यह है कि (उत्तर) जनवादी कोरियाई लोग सबसे पहले फ्रंट लाइन में कैसे पहुंचे?


14 अक्टूबर 2024 को यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलिंस्की ने यूक्रेन के लिए समर्थन बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया एक सूचना-ऑपरेशन शुरू किया.उन्होंने बिना सबूत के आरोप लगाया कि रूस ने (उत्तर)जनवादी कोरिया को युद्ध में शामिल करने की योजना बनाई है.


यूक्रेन में अमेरिकी वित्तपोषित मीडिया ने जल्द ही 'यूक्रेन की विशेष सेवाओं के स्रोतों' का हवाला देकर इन अफवाहों को बढ़ावा दिया.अधिक गुमनाम 'स्रोतों' ने आवाज उठाई और जल्द ही (उत्तर) जनवादी कोरिया के 3,000 सैनिकों के लड़ाई में शामिल होने की बात सामने आई. 


हालाँकि इस बात का कोई सबूत नहीं था कि ऐसा कुछ भी योजनाबद्ध था, या कभी हुआ था.


 जबकि सच्चाई यही है कि रूस में (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों की मौजूदगी का दावा एक फर्जी कहानी है.


हालाँकि, अमेरिकी मीडिया इस बकवास को उछालने में कामयाब रहा. सबसे पहले काॅरपोरेटी अखबार वाशिंगटन पोस्ट की '(उत्तर) जनवादी कोरिया रूसी सीमा पर सैनिक क्यों भेज रहा है' शीर्षक से खबर आई


अखबार ने कहा यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध प्रयासों में मदद करने के लिए सैनिकों को भेजने से किम जंग उन के शासन के लिए मूल्यवान विदेशी मुद्रा अर्जित हो सकती है और उनके मजबूत संबंधों को बढ़ावा मिल सकता है."


कुछ दिनों बाद यह सामने आ गया कि संपूर्ण यूक्रेनी 'उत्तर कोरिया' दुष्प्रचार-अभियान अमेरिकी योजना पर आधारित था. इस अभियान का विचार पेंटागन के रणनीतिक थिंक टैंक रैंड (RAND)से आया था. ज़ेलेंस्की के अभियान की शुरुआत से तीन दिन पहले 11 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित रूसी/उत्तर कोरियाई और चीनी सहयोग के बारे में एक टिप्पणी में, एक रैंड विश्लेषक ने लिखा:


संयुक्त राज्य अमेरिका को क्या करना चाहिए?... रूस, चीन और उत्तर कोरिया के उद्देश्यों में अंतर को देखते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका को इन तीन देशों के खिलाफ प्रमुख सूचना अभियान चलाना चाहिए ताकि उनके मतभेदों को उजागर किया जा सके और उनके बीच अविश्वास को बढ़ावा दिया जा सके. संयुक्त राज्य अमेरिका को यह समझना चाहिए कि उत्तर कोरियाई सैन्य सलाहकार यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों में उत्तर कोरियाई सैन्य आपूर्ति के रूसी उपयोग का समर्थन कर रहे हैं... रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह नया सहयोग शायद ही एक उभरते दीर्घकालिक गठबंधन का संकेत है और अमेरिकी सूचना अभियान इस गठबंधन का तेजी से अंत कर सकते हैं.


ठीक तीन दिन बाद यूक्रेनी सेना के खुफिया विभाग के प्रमुख जनरल बुडानोव की अध्यक्षता में यूक्रेनी सेना के खुफिया विभाग ने रूस में (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों के बारे में यूक्रेनी प्रेस को दावे को 'लीक' करना शुरू कर दिया.


शुरुआत में रूस में 1,500, फिर 3,000 (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों की पहली अफवाहें उड़ाने के कुछ समय बाद से, सीआईए-प्रशिक्षित प्रमुख जनरल बुडानोव ने (उत्तर) जनवादी कोरिया के सैनिकों की संख्या बढ़ाकर 11,000 तक कर दी.

उस वक्त नाटो ने भी ऐसी किसी ताकत की जानकारी होने से इनकार किया.


रैंड द्वारा रूस में (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों के विषय पर एक अमेरिकी दुष्प्रचार अभियान के प्रस्ताव के तुरंत बाद, सीआईए प्रशिक्षु बुडानोव के तहत यूक्रेनी सैन्य खुफिया सेवा ने (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों के जल्द ही रूसी पक्ष में लड़ने की अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया. बुडानोव द्वारा दावा की गई संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। सीआईए से जुड़ी दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसी और अमेरिकी मीडिया भी इस अभियान में शामिल हो गए. हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष ने भी राजनीतिक मुद्दे उठाने के लिए अभियान का लाभ उठाया.


जो साक्ष्य इन दावों का समर्थन करने वाला था, वह नकली निकला . इस प्रकार (उत्तर) जनवादी कोरिया के सैनिकों की यूक्रेन में मौजूदगी की पूरी कहानी कुछ और नहीं बल्कि 'खुफिया' अफवाहों पर आधारित है जो रैंड द्वारा प्रस्तावित स्क्रिप्ट का अनुसरण कर रही हैं.


यह कहानी आगे बढ़ती रही . काॅरपोरेट मीडिया आउटलेट्स ने एक-दूसरे को उद्धृत किया और अपने सामान्य 'सुरक्षा स्रोतों' से कुछ बकवास जोड़ दी. हालाँकि जो चीज़ सामने आने में असफल रही वह थी सबूत.



अपने दावों के लिए सबूतों की कमी के बारे में बार-बार सवाल उठाए जाने के बाद, यूक्रेनी राजनेताओं ने इसका भी समाधान निकाल लिया. यूक्रेनी रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने यह अफवाह उड़ाई कि यूक्रेनी सशस्त्र बलों और (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों के बीच पहली "छोटे पैमाने की लड़ाई" पहले ही हो चुकी थी, और कोरियाई सैनिकों को नुकसान उठाना पड़ा.



उमेरोव ने यह भी कहा कि रूस कोरियाई लोगों को बुरयाती बता रहा है (बुरयाती साइबेरिया में रहने वाले मंगोल लोग हैं जो रूस का हिस्सा हैं. उनमें से कई बुरयाती रूसी सेना के अच्छे वेतन वाले रैंक में शामिल हो गए हैं) 


उमेरोव की योजना स्पष्ट थी. जैसे ही रूस का कोई बुरयाती सैनिक मृत हो जाता, यूक्रेनी सेना उसे छद्मवेशी उत्तर कोरियाई सैनिक के रूप में पेश करती और कहती यही सबूत है. अब सैनिक और हथियार भेजो.


तब से यूक्रेनी विशेष सेवाओं द्वारा अपने मीडिया अभियान को सुदृढ़ करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। मृत रूसी सैनिकों के रूसी पासपोर्ट को 'उत्तर कोरियाई' सैनिकों द्वारा लिए गए 'फर्जी दस्तावेज़' के रूप में प्रस्तुत किया गया था.


उन्होंने एक बुरयाती सैनिक को भी पकड़ लिया. 28 अक्टूबर 2024 को लिथुआनियाई एनजीओ ब्लू/येलो के प्रमुख जोनास ओहमान, जो यूक्रेन और उसकी सेना को सहायता प्रदान करता है, ने स्थानीय मीडिया आउटलेट एलआरटी को सूचित करते हुए कहा:



“जिस यूक्रेनी इकाई का हम समर्थन करते हैं उस ईकाई और उत्तर कोरियाई सैनिकों के बीच पहली मुठभेड़ 25 तारीख को कुर्स्क में हुई थी.मेरी जानकारी के अनुसार, एक को छोड़कर सभी उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए. जीवित सैनिक की पहचान बुरयाती के रूप में की गई थी।


अन्य 'सबूत' में कथित तौर पर (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों द्वारा दक्षिण कोरियाई प्रकार और शैली में लिखे गए हाथ से लिखे पत्र शामिल हैं.यहां तक ​​कि विकिपीडिया को भी स्वीकार करना पड़ा:



 "जनवरी 2025 तक, यूक्रेनी स्रोतों के बाहर बुरयाती बटालियन के अस्तित्व की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है [ जिसमें कथित तौर पर इसमें उत्तर कोरिया के सैनिक शामिल हैं]"


इस योजना की बकवास बहुत स्पष्ट हो गई है, इसलिए अब सीआईए, न्यूयॉर्क टाइम्स की मदद से इसे बंद कर रही है:


"उत्तर कोरियाई सैनिक युद्ध के मैदान से वैसे ही जा रहे हैं जैसे वे आए थे - हमेशा की तरह अदृश्य...

 

 31 जनवरी 2024 के न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा 

उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की सहायता के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ सैनिक भेजे। लेकिन महीनों तक गंभीर नुकसान झेलने के बाद, उन्हें अग्रिम पंक्ति से हटा दिया गया है... यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ाई में अपने रूसी सहयोगियों के साथ शामिल होने वाले उत्तर कोरियाई सैनिकों को भारी हताहत होने के बाद अग्रिम पंक्ति से हटा दिया गया है, यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार... अधिकारियों ने संवेदनशील सैन्य और खुफिया मामलों पर चर्चा करने के लिए नाम न छापने का अनुरोध करने के बाद कहा, रूस की सीमाओं के अंदर यूक्रेनी हमले को रोकने की कोशिश कर रहे रूसी बलों को मजबूत करने के लिए भेजे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों को लगभग दो सप्ताह तक मोर्चे पर नहीं देखा गया है. उत्तर कोरियाई सैनिक अब यूक्रेन से लड़ते हुए अग्रिम मोर्चे पर नज़र नहीं आएंगे . 



खैर, इस खबर की आखिरी लाइन औपचारिक रूप से सही है. लेकिन यह कहना और भी सटीक होगा कि 'उत्तर कोरियाई सैनिकों को मोर्चे पर कभी नहीं देखा गया है.'


लेकिन CIA/न्यूयॉर्क टाइम्स अब भी मूर्खतापूर्ण दावे जोड़ते हैं:


"कई सैनिक उत्तर कोरिया के सबसे अच्छे प्रशिक्षित विशेष ऑपरेशन सैनिकों में से हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि रूसियों ने उन्हें पैदल सैनिकों के रूप में इस्तेमाल किया है, और उन्हें भारी यूक्रेनी आग से नष्ट होने के लिए बारूदी सुरंगों से भरे खेतों में भेज दिया है."


भारतीय गोदी मीडिया के नवभारत टाइम्स ने भी इस संदर्भ में एक वीभत्स काल्पनिक कहानी प्रकाशित की.



इन सभी से यही जानना है कि (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों की ' भेजी गई' और 'भारी यूक्रेनी गोलाबारी में नष्ट हो गई' तस्वीरें और वीडियो कहाँ हैं? एक ऐसे युद्ध में जहां हर जमीनी गतिविधि पर दर्जनों ड्रोनों द्वारा निगरानी रखी जाती है, वहां एक भी वीडियो ऐसा कैसे नहीं है जो ऐसे दृश्य का सबूत दिखाता हो?


फिलहाल यूक्रेन से लड़ने वाले (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों का रैंड-यूक्रेन दुष्प्रचार अभियान बंद कर दिया गया है.हालाँकि, अमेरिकी 'अधिकारियों ' ने सुविधाजनक समय पर इसे फिर से शुरू करने के लिए विकल्प खुला रखा है.

अमेरिकी अधिकारियों ने इस तरह से कहना शुरू कर दिया है कि (उत्तर) जनवादी कोरियाई सैनिकों को अग्रिम पंक्ति से हटाने का निर्णय स्थायी नहीं हो सकता है.उन्होंने कहा, यह संभव है कि (उत्तर) जनवादी कोरियाई अतिरिक्त प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद या रूसियों द्वारा इतनी भारी क्षति से बचने के लिए उन्हें तैनात करने के नए तरीकों के साथ आने के बाद वापस लौट सकते हैं.


शायद अब से एक महीने, एक साल या दस साल बाद हमें फिर से इन काल्पनिक (उत्तर) जनवादी कोरियाई लोगों के बारे में बताया जाएगा जो 'लड़ने' के लिए रूसियों के साथ मिल रहे हैं.

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