9वें प्लेनम के मायने और अंतर कोरियाई संबंध


जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी के 9 वें प्लेनम के फैसले कई मायनों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं
सबसे पहले इसलिए, क्योंकि  वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की 8वीं सेंट्रल कमेटी के 9वें प्लेनम के फैसले और विचार-विमर्श बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे भविष्य की दिशा में रास्ता तय करते हैं, दूसरे,  विभिन्न प्रकार के तथाकथित 'उत्तर कोरिया विशेषज्ञ'  कुछ मुद्दों, विशेष रूप से कोरिया के एकीकरण के मुद्दे पर 9 वीं प्लेनम के निर्णयों के बारे में सभी प्रकार की अफवाहें, अनुमान, विकृतियाँ और अटकलें फैलाने की कोशिश कर रहे है, तीसरा, कोरियाई प्रायद्वीप पर स्थिति तनावपूर्ण है और युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं हाल ही में जनवादी कोरिया के दुश्मनों ने बिना सबूतों के साथ दावा किया कि 'किम जंग उन ने युद्ध में जाने का रणनीतिक निर्णय लिया है'  बेशक अगर हमला हुआ तो जनवादी कोरिया न केवल अपनी रक्षा करेगा बल्कि जवाबी कार्रवाई करेगा और दक्षिण कोरिया को आजाद कराने के लिए एक अभियान भी शुरू करेगा. केवल दो सप्ताह पहले दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों ने जनवादी कोरिया पर पश्चिमी सागर में सीमावर्ती क्षेत्रों पर गोलाबारी करने का झूठा और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाया था. सच्चे मायनों में प्रगतिशील और वामपंथियों को जनवादी कोरिया के  दुश्मनों की तरह अटकलों या अनुमानों में शामिल नहीं होना चाहिए, लेकिन हमें इस तथ्य से अनभिज्ञ नहीं रहना चाहिए कोरियाई प्रायद्वीप पर बहुत गंभीर स्थिति मौजूद है और युद्ध छिड़ने की स्पष्ट संभावना है.



वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति का प्लेनम स्पष्ट रूप से बहुत महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि पार्टी कोरियाई जनता का मार्गदर्शक और कोरियाई क्रांति का सर्वोच्च अग्रदूत है. वर्कर्स पार्टी की  केंद्रीय समिति के प्लेनम के निर्णयों का न केवल जनवादी कोरिया में बल्कि दुनिया भर में बहुत प्रभाव पड़ता है.


एक नजर 9 वें प्लेनम के फैसलों पर


सबसे पहले 9 वें प्लेनम ने यह बताया कि जनवादी कोरिया ने साल 2023 में अभूतपूर्व तरक्की की है.

8वीं पार्टी कांग्रेस के पिछले वर्ष, 2020 में आर्थिक क्षेत्र की कुल वृद्धि की तुलना में, महत्वपूर्ण सूचकांकों का उत्पादन 2023 में बड़े पैमाने पर बढ़ गया, जिसमें आयरन ट्राइऑक्साइड का उत्पादन 3.5 गुना, पिग आयरन 2.7 गुना, रोल्ड स्टील 1.9 गुना बढ़ गया। , मशीन टूल्स 5.1 गुना, सीमेंट 1.4 गुना और नाइट्रोजन उर्वरक 1.3 गुना और सकल घरेलू उत्पाद 1.4 गुना बढ़ गया"

इसके अलावा "रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अनाज उत्पादन के लक्ष्य की अति-पूर्ति, समग्र आर्थिक विकास में निर्णायक महत्व की प्रमुख ऊंचाई और लोगों के जीवन की गारंटी, 2023 के लिए आर्थिक कार्यों में प्राप्त सबसे कीमती और मूल्यवान सफलता है।"


इससे दो उल्लेखनीय बातें सामने आती हैं. सबसे पहले, कृषि उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत बढ़ गया  और वास्तव में जरूरत से ज्यादा पूरा हो गया है. इससे साबित होता है कि अकाल और भुखमरी की बात झूठी हैं.दूसरे, सकल घरेलू उत्पाद में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक आश्चर्यजनक दर थी. अब इसकी तुलना  दक्षिण कोरिया के सकल घरेलू उत्पाद में 2.56 प्रतिशत की वृद्धि से करें. इस प्रकार अनेक मिथक टूट गये; पूंजीवादी मीडिया का यह झूठ ध्वस्त हो गया कि प्रतिबंधों और वैश्विक महामारी के कारण जनवादी कोरिया अराजकता और गिरावट में है. यह दर्शाता है कि समाजवाद काम करता है और जूछे यानि आत्मनिर्भरता काम करती है.

दूसरे, बैठक में स्कूली बच्चों के लिए समाजवादी नीति लागू करने में जिम्मेदारी की भावना बढ़ाने का निर्णय लिया गया.काॅमरेड  किम जंग उन ने स्कूली बच्चों को स्कूल बैग और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के महत्व पर जोर दिया.

बैठक में दक्षिण कोरिया और अमेरिका से निपटने के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए। इसने पश्चिमी मुख्यधारा मीडिया और तथाकथित 'उत्तर कोरियाई विशेषज्ञों' का काफी ध्यान आकर्षित किया है, जो वास्तव में साम्राज्यवाद के पैसों पर पलने  वाले बुर्जुआ छद्म-शैक्षणिक अभिजात्य वर्ग हैं. इस बात की बहुत चर्चा है कि जनवादी कोरिया ने दक्षिण कोरिया के साथ एकीकरण का लक्ष्य छोड़ दिया है. वास्तव में क्या कहा गया था?


काॅमरेड किम जंग उन ने कहा कि अमेरिकी साम्राज्यवादियों और दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों के प्रति सख्त रुख अपनाया जाना चाहिए. दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों के लिए उन्होंने कठोर शब्दों में यह कहा कि  "वर्तमान में दक्षिण कोरिया एक विकृति और औपनिवेशिक अधीनस्थ राज्य के अलावा और कुछ नहीं है, जिसकी राजनीति पूरी तरह से खराब है , पूरा समाज यांकी संस्कृति से दूषित है, और रक्षा और सुरक्षा पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है."


यह दक्षिण कोरिया के बारे में एक सही विश्लेषण है और इसे व्यापक साम्राज्यवाद विरोधी और प्रगतिशील आंदोलन में व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए. बहुत से वामपंथियों को दक्षिण कोरिया के बारे में भ्रम है, जैसे वे यूक्रेनी नाजी शासन को समझने में विफल रहते हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ता है तो हम देखेंगे कि ट्रॉट्स्कीवादी और उदारवादी हमें दक्षिण कोरिया का समर्थन करने के लिए कहते हैं. इस बात को बार बार चिल्ला चिल्लाकर कहने की जरूरत है कि दक्षिण कोरिया अमेरिका का एक कठपुतली शासन और एक उपनिवेश है.

हमारे लिए इस तथ्य को समझना भी महत्वपूर्ण है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोरिया के दक्षिण में किसकी सरकार है जैसा कि काॅमरेड किम जंग उन ने बताया कि "सभी दक्षिण कोरियाई शासकों द्वारा अपनाई गई "उत्तर के लिए नीतियों" और "एकीकरण नीतियों" के बीच एक आम बिंदु है, और वह "जनवादी कोरिया के शासन का पतन" है.

उपर्युक्त वास्तव में बिल्कुल सही है . वास्तव में विभिन्न दक्षिण कोरियाई कठपुतली शासन, चाहे सैन्य हो या नागरिक, चाहे 'उदारवादी' या 'रूढ़िवादी', बस दक्षिण कोरियाई दलाल शासक वर्ग के भीतर विभिन्न गुटों या रुझानों का प्रतिनिधित्व करते हैं.जैसा कि कॉमरेड किम जंग उन ने बताया कि दक्षिण कोरिया के सभी शासकों में एक समानता है कि वे जनवादी कोरिया में समाजवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने और जनवादी कोरिया को अपने में समाहित करने या उसके विलय में विश्वास करते हैं, जैसा कि पूर्वी जर्मनी के साथ हुआ था. कई वर्षों तक दक्षिण कोरिया पर सबसे निरंकुश फासीवादी शासन का शासन था, लेकिन 1990 के दशक के उत्तरार्ध से कुछ ऐसे कालखंड भी आए, जिनमें कथित तौर पर 'उदार' शासन थे, जैसे कि किम दे जुंग, रोह मू-ह्यून और हाल ही में मून जे इन. सतही तौर पर दक्षिण कोरियाई राजनीति और अंतर-कोरियाई संबंधों दोनों के प्रति उनका दृष्टिकोण पिछले फासीवादी शासनों से मौलिक रूप से भिन्न था.हालाँकि यह सतही था.दरअसल इन तीनों ने दक्षिण कोरिया से अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने की कोशिश नहीं की और 'राष्ट्रीय सुरक्षा कानून' को ख़त्म नहीं किया.वे घोर कम्युनिस्ट विरोधी भी थे.दक्षिण कोरिया में इन शासनों के तहत जनवादी कोरिया के साथ विभिन्न अंतर-कोरियाई समझौतों और सौदों पर हस्ताक्षर किए गए जैसे कि 2000, 2007 और 2018 में . ऐसे समझौतों से वास्तव में व्यवहार में कुछ भी हासिल नहीं हुआ. 2018 के 3 अंतर-कोरियाई शिखर सम्मेलन और 2018 और 2019 के जनवादी कोरिया-अमेरिका शिखर सम्मेलन का नतीजा भी सिफर रहा.

इससे भी बुरी बात यह है कि दक्षिण कोरिया के तथाकथित उदारवादी शासनों ने जनवादी कोरिया में पूंजीवाद की घुसपैठ करने और पूंजीवाद को बहाल करने के साधन के रूप में अंतर-कोरियाई आदान-प्रदान और संवाद का उपयोग करने की कोशिश की.

अब से जनवादी कोरिया दक्षिण कोरिया को दुश्मन मानेगा और उसके साथ पुनर्मिलन की मांग नहीं करेगा.

जनवादी कोरिया अब दक्षिण कोरिया के साथ बातचीत में शामिल होने की कोशिश नहीं करेगा क्योंकि यह समय की बर्बादी है। जैसा कि काॅमरेड  किम जंग उन ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक गलती है कि हमें अब उस टोले को नहीं मानना ​​चाहिए, जिसने सार्वजनिक रूप से हमें "प्रमुख दुश्मन" के रूप में परिभाषित किया है और केवल "सत्ता के पतन" और "एकीकरण" का अवसर तलाश रहा है".

यह अंतर-कोरियाई संबंधों में एक नया निचला स्तर है। आज युद्ध का ख़तरा पहले से कहीं अधिक है. और यह सब अमेरिका और दक्षिण कोरिया के चलते हुआ है.

2023 कोरिया में साम्राज्यवादी आक्रमण के लिए एक रिकॉर्ड वर्ष था. दक्षिण कोरिया ने उत्तर को लक्ष्य करते हुए अमेरिका के साथ 20 से अधिक संयुक्त सैनिक अभ्यास की मेजबानी की. अमेरिका ने कोरिया में परमाणु पनडुब्बियों और बमवर्षकों को तैनात किया, और दक्षिण कोरियाई कठपुतली राष्ट्रपति  यून और उसके आका बाइडन ने खुले तौर पर जनवादी कोरिया के "शासन का अंत" लाने की बात की.जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने जनवादी कोरिया के खिलाफ एक नए सैन्य गठबंधन की नींव भी रखी.

जनवादी कोरिया का नया रुख बदली हुई स्थितियों को दर्शाता है. अभूतपूर्व शत्रुता के सामने, जनवादी कोरिया को फिलहाल पुनर्एकीकरण से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

जनवादी कोरिया में सभी पुनर्एकीकरण संगठनों को भंग कर दिया गया है और जल्द ही पुनर्एकीकरण के स्मारकों को ध्वस्त कर दिया जाएगा. पुनर्मिलन का संदर्भ देने वाले जनवादी कोरिया के दस्तावेज़ भी अपडेट किए जाएंगे.

यह एक स्पष्ट संकेत है कि जनवादी कोरिया युद्ध को अपरिहार्य मानता है और इस वास्तविकता के लिए तैयारी कर रहा है. काॅमरेड किम जंग उन ने स्पष्ट कर दिया है कि जनवादी कोरिया बलपूर्वक कोरिया को फिर से एकजुट करने की कोशिश नहीं करता है, लेकिन अगर उसपर  हमला किया जाता है तो वह दक्षिण कोरिया को आजाद कर अपने में मिला लेगा.

यह जनवादी कोरिया  की प्रतिष्ठा और स्थिति के लिए उपयुक्त नहीं है कि वह अजीब टोले के साथ पुनर्मिलन के मुद्दे पर चर्चा करे, जो अमेरिका के औपनिवेशिक कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं है.

तो क्या इसका मतलब यह है कि जनवादी कोरिया ने पुनर्एकीकरण का लक्ष्य छोड़ दिया है?  जबाब है नहीं.  जनवादी कोरिया अब दक्षिण कोरिया कठपुतली शासन के साथ पुनर्मिलन के मुद्दे पर चर्चा करने का प्रयास नहीं करेगा.यह बहुत सही दृष्टिकोण है. काॅमरेड किम जंग उन ने बताया कि "न केवल दस साल बल्कि आधी सदी से भी अधिक समय तक, हमारी पार्टी और जनवादी कोरिया सरकार द्वारा निर्धारित राष्ट्रीय एकीकरण के विचार, लाइन और नीतियों को हमेशा पूर्ण समर्थन और अनुमोदन प्राप्त हुआ है।" पूरे देश और दुनिया की सहानुभूति मिली क्योंकि वे सबसे न्यायसंगत, उचित और निष्पक्ष हैं".

उपर्युक्त उद्धरण में वास्तव में जो संदर्भित किया जा रहा है वह 1972 का उत्तर-दक्षिण संयुक्त वक्तव्य है जिसमें स्वतंत्रता, शांति और राष्ट्रीय एकता के आधार पर पुनर्मिलन के सिद्धांत निर्धारित किए गए थे. इससे पहले 1971 में डीपीआरके और दक्षिण कोरिया की रेड क्रॉस सोसायटी के बीच बातचीत हुई थी. इसका निहितार्थ यह है कि पुनर्एकीकरण पर डीपीआरके 1971 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएगा. 1971 के पहले जनवादी कोरिया ने शांतिपूर्ण पुनर्एकीकरण पुनर्मिलन से इनकार नहीं करते हुए, यह माना था कि  पुनर्एकीकरण या तो दक्षिण कोरिया में एक सफल क्रांति के माध्यम से या युद्ध के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है. 27 फरवरी 1964 को कोरिया की वर्कर्स पार्टी की चौथी केंद्रीय समिति की 8 वें प्लेनम में एक भाषण में जिसका शीर्षक था "आइए हम हर तरह से क्रांतिकारी ताकतों को मजबूत करें ताकि  पुनर्एकीकरण के लक्ष्य को हासिल किया जा सके." उसमें  काॅमरेड किम इल संग ने कहा कि कोरिया के पुनर्एकीकरण के लिए तीन क्रांतिकारी ताकतें थीं, पहली कोरिया के उत्तरी हिस्से में क्रांतिकारी ताकतें, दक्षिण कोरिया की क्रांतिकारी ताकतें और अंतरराष्ट्रीय क्रांतिकारी ताकतें. बाद में 1968 में काॅमरेड किम इल संग ने बताया कि शांतिपूर्ण पुनर्एकीकरण पर डीपीआरके की स्थिति का "देश के दुश्मन के साथ किसी भी समझौते से या तथाकथित 'एक सामाजिक व्यवस्था से दूसरे में शांतिपूर्ण संक्रमण के सिद्धांत' से कोई लेना-देना नहीं है".

जनवादी कोरिया 2024 में 3 और सैन्य टोही उपग्रह लॉन्च करेगा.नागरिक सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के जन नागरिक मिलिशिया, मजदूर-किसान रेड गार्ड की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के काम सहित पर्याप्त युद्ध की तैयारी की जाएगी.

कोरिया की वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति के 9वें प्लेनम ने आने वाले वर्ष और समाजवाद और साम्यवाद की जीत के लिए सही दिशा-निर्देश और नीतियां निर्धारित की हैं.
कोरिया (दक्षिण) की मुक्ति के लिए साम्राज्यवाद को हराना होगा. और हम जानते हैं कि अमेरिकी साम्राज्यवाद के दिन अब गिने-चुने रह गये हैं.अमेरिकी साम्राज्यवाद संकट में है. हर जगह विरोधाभास तेज़ हो रहे हैं और कोरिया भी इसका अपवाद नहीं है। जैसे-जैसे उसका साम्राज्य ढह रहा है, अमेरिका हताशा में और भी अधिक हिंसक होता जा रहा है. इस हिंसक जानवर को खत्म करना होगा.हमारी आंखों के सामने पुरानी दुनिया से एक नई दुनिया उभर रही है - हम सभी के सामने यह विकल्प है कि हम स्वतंत्रता और क्रांति की ताकतों के साथ रहें या साम्राज्यवाद की ताकतों के साथ.


अगर अमेरिका फिर से जनवादी कोरिया के साथ युद्ध करता है तो 1953  की तरह उसकी हार तय है और जनवादी कोरिया का झंडा फिर से सियोल पर लहराऐगा !

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