समाजवादियों को जनवादी कोरिया का समर्थन क्यों करना चाहिए?
समाजवादियों को जनवादी कोरिया का समर्थन क्यों करना चाहिए?
यह प्रश्न ही अजीब प्रतीत होना चाहिए, यह देखते हुए कि कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य एक समाजवादी और साम्राज्यवाद-विरोधी देश है, एक ऐसा देश जहां राजनीतिक-आर्थिक शक्ति मेहनतकश जनता के हाथों में है.
पश्चिम में विभिन्न प्रकार के जनसंचार माध्यमों मुख्यतः काॅरपोरेट के पैसे से चलने वाले जनसंचार माध्यमों के द्वारा बहुत बड़े पैमाने पर जनवादी कोरिया विरोधी दुष्प्रचार किया गया है और किया जा रहा है, और वहीं से समाजवादी और प्रगतिशील भी इस दुष्प्रचार का उपयोग अनजाने में अपनी बहसों में कर बैठते हैं. समाजवादियों (इसमें कम्युनिस्ट भी शामिल हैं) में जनवादी कोरिया को लेकर पश्चिम के दुष्प्रचार और अनभिज्ञता का अंधेरा बहुत ही ज्यादा इस हद तक घना है कि जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी से बिरादराना ताल्लुक़ात रखने वाली कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल कमिटी तक के कुछ नेता इस गलत बात को कहते या सहमति जताने लगते हैं कि जनवादी कोरिया को अंतर्राष्ट्रीयतावाद अपनाना चाहिए , या वहाँ की राजनीति में ऐसा कुछ नहीं है कि एक स्वस्थ दिमाग वाला व्यक्ति उसका समर्थन कर सके और वहाँ से जुल्म और अत्याचार की ही खबरें आती हैं और जाहिर है इनके पास अपनी इन बातों को साबित करने के लिए काॅरपोरेट मीडिया के अलावा या कुछ एनजीओवादी या उदारवादियों के उल जलूल सोशल मीडिया के पोस्टों के अलावा कोई पुख्ता सबूत नही होता दक्षिणपंथियों, उदारवादियों को छोड़ भी दें तो कम्युनिस्ट हलकों के बीच ऐसी भावनाओं की अभिव्यक्ति केवल साम्राज्यवादी दुष्प्रचार और उसके युद्धोन्माद कथा को ही मजबूत करती है.
समाजवादियों, साम्राज्यवाद-विरोधियों और शांति कार्यकर्ताओं के सामने सवाल यह है कि उन्हें जनवादी कोरिया का समर्थन क्यों करना चाहिए और पुनर्एकीकरण के लिए कोरियाई लोगों के संघर्ष के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए? कुछ लोग कह सकते हैं "ओह कोरिया एक दूर का स्थान है जिसका हमारे संघर्षों से कोई तात्कालिक संबंध नहीं है."
कोरिया एक ऐसी बारूदी जगह है जो आसानी से वैश्विक युद्ध की ओर ले जाती है. कोरिया के दक्षिण (दक्षिण कोरिया) में 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. 42 अमेरिकी सैन्य अड्डे और संभावित रूप से 1,000 परमाणु हथियार अमेरिका द्वारा तैनात किए गए हैं. अप्रैल 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और दक्षिण कोरियाई कठपुतली राष्ट्रपति यून सक यल द्वारा की गई "वाशिंगटन घोषणा" कोरियाई प्रायद्वीप पर परमाणु युद्ध की दिशा में एक उत्तेजक कदम था. ऐसे कदम कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव के माहौल को काफी बढ़ाते हैं. शांति आंदोलन को दुनिया में एक और इराक होने से रोकना होगा, वास्तव में, कोरिया में अगर फिर से युद्ध हुआ तो यह इतिहास में देखे गए किसी भी युद्ध से कहीं अधिक बदतर होगा.
किसी भी सच्चे समाजवादी के लिए, कोरियाई क्रांति की उपलब्धियाँ विचार करने और बचाव करने लायक हैं.कोरियाई शैली के समाजवाद का सबसे महत्वपूर्ण लाभ जनवादी कोरिया की पूर्ण स्वतंत्रता है, वास्तव में, वहाँ जनता द्वारा सच्ची संप्रभुता का अभ्यास किया जाता है.आईएमएफ, विश्व बैंक, जी 7 और नाटो जैसी कोई भी कॉर्पोरेट संस्थाएं इस पर शासन नहीं कर सकती हैं. जनवादी कोरिया में आर्थिक-सांस्कृतिक जीवन अंतरराष्ट्रीय निगमों द्वारा प्रदूषित नहीं है. जनवादी कोरिया में हर चीज़ का स्वामित्व और नियंत्रण लोगों के पास है, दूसरे शब्दों में, मेहनतकश जनता समाज की स्वामी है. व्यावहारिक रूप से, जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, मुफ्त शिक्षा (किंडरगार्टन से विश्वविद्यालय स्तर तक), कम लागत वाला भोजन, मुफ्त सामाजिक आवास, सस्ता परिवहन, काम करने का अधिकार, संकीर्ण वेतन अंतर, कार्यस्थल में लोकतंत्र की गारंटी देती है. किसी प्रकार का टैक्स भी नहीं है. जनवादी कोरिया में सृजित संपत्ति मेहनतकश लोगों की है और इसका उपयोग जनता के लाभ के लिए किया जाता है.जनवादी कोरिया उत्पादन, वितरण और विनिमय के साधनों पर 100 प्रतिशत समाजवादी स्वामित्व पर आधारित है.इसने उत्पादन संबंधों के समाजवादी परिवर्तन को पूरा किया. वहाँ एक भी निजी कंपनी नहीं हैं. जनवादी कोरिया में वेतन अंतर 2 से 1 है, अब इसकी तुलना सोवियत संघ के पूर्व -पेरेस्त्रोइका काल में 10 से 1 और 30 से 1 से करें, पूंजीवादी देशों को तो छोड़ ही दिया जाए जहाँ आय में भारी असमानता है. जनवादी कोरिया में वेतन अंतर सीधे तौर पर कौशल और अनुभव के विभिन्न स्तरों को दर्शाता है और वहाँ श्रमिकों के लिए दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से नए कौशल और योग्यता हासिल करने के अवसर हैं.
क्यूबा के प्रसिद्ध क्रांतिकारी काॅमरेड अर्नेस्टो चे ग्वेरा ने 1960 में जनवादी कोरिया का दौरा किया और कहा कि यह समाजवादी देश है जो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है. उन्होंने लिखा कि “जिन समाजवादी देशों का हम व्यक्तिगत रूप से दौरा करते हैं, उनमें जनवादी कोरिया सबसे असाधारण में से एक है. शायद यह वही चीज़ है जिसने हमें उनमें से सबसे अधिक प्रभावित किया है.”
इंग्लैंड के सांसद विलियम विल्सन (कोवेंट्री साउथ ईस्ट के लेबर सांसद) के नेतृत्व में ब्रिटिश लेबर सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर 1979 में जनवादी कोरिया का दौरा किया. विल्सन ने लिखा कि "फ्यंगयांग में, सड़कें चौड़ी और पेड़ों से घिरी हुई थीं. फ्यंगयांग के पूर्ण विनाश ने एक नया शहर बनाने का अवसर दिया था. जनवादी कोरिया में रहने से कुछ सप्ताह पहले मैं जापान में था. मैंने हिरोशिमा और नागासाकी देखे थे.उन शहरों को पूर्ण विनाश का सामना करना पड़ा। यदि कोई यह सोच रहा है कि समाजवादी और पूंजीवादी पुनर्निर्माण के बीच क्या अंतर हैं, तो फ्यंगयांग, हिरोशिमा और नागासाकी की यात्रा इसका उत्तर प्रदान करती है. फ्यंगयांग ने मुझे खुश किया कि मैं एक समाजवादी हूं".
जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी और सरकार दोनों के पास दुनिया भर की विभिन्न समाजवादी और साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों के साथ एकजुटता की गौरवशाली परंपराएं हैं.वर्कर्स पार्टी और जनवादी कोरिया का यह लगातार रुख रहा है कि दुनिया भर में सभी साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों को अमेरिकी साम्राज्यवाद के खिलाफ अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होना चाहिए.ग्लोबल साउथ की साम्राज्यवाद-विरोधी पार्टियों, आंदोलनों और राष्ट्रों को एकजुट करना जनवादी कोरिया की सबसे महत्वपूर्ण नीति है.
कोरिया की वर्कर्स पार्टी ने कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों के साथ प्रगतिशील पार्टियों और विभिन्न वैचारिक प्रवृत्तियों के आंदोलनों के साथ सहयोग किया है.उदाहरण के लिए, राष्ट्रपति काॅमरेड किम इल संग ने 5 अक्टूबर, 1990 को संयुक्त राज्य अमेरिका की सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और एसडब्ल्यूपी प्रतिनिधिमंडल को आम दुश्मनों नस्लवाद, साम्राज्यवाद और पूंजीवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता की आवश्यकता पर जोर दिया.
वर्कर्स पार्टी ने स्वतंत्रता और समाजवाद की जीत के लिए विभिन्न झुकावों और परंपराओं की कम्युनिस्ट, समाजवादी और साम्राज्यवाद-विरोधी ताकतों के साथ काम किया है.
वर्कर्स पार्टी के वर्तमान समाजवादी देशों चीन, क्यूबा, वियतनाम और लाओस की कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी, आल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया के साथ वर्कर्स पार्टी के बिरादराना संबंध हैं. इसके अलावा ब्रिटेन की कम्युनिस्ट और वामपंथी पार्टियों, जैसे न्यू कम्युनिस्ट पार्टी, ब्रिटेन की कम्युनिस्ट पार्टी, सोशलिस्ट लेबर पार्टी, रिवोल्यूशनरी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ ब्रिटेन (एम-एल) के अलावा नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (संयुक्त समाजवाद), लेबनान फेडरेशन ऑफ वर्कर्स, मंगोलियाई पीपुल्स पार्टी, वर्कर्स पार्टी ऑफ बांग्लादेश, बांग्लादेश नेशनल सोशलिस्ट पार्टी, सीरियाई कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत), अरब डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी ऑफ सीरिया, सीरिया की अल अहद अल वतनी पार्टी, सीरियाई अरब सोशलिस्ट यूनियन पार्टी, कंबोडिया की फ़नसिनपेक पार्टी(Funcinpec Party of Cambodia) , फ़िलिस्तीन की मुक्ति के लिए लोकप्रिय मोर्चा ( Popular Front for the Liberation of Palestine) , फ़िलिस्तीन लिबरेशन डेमोक्रेटिक फ्रंट, फ़िलिस्तीनी लोकप्रिय संघर्ष मोर्चा (Palestinian Popular Struggle Front) , की मातृभूमि पार्टी(Motherland Party of Türkiye) , जॉर्डन की कम्युनिस्ट पार्टी, पीपुल्स यूनिटी- "किर्गिज़ एल" किर्गिस्तान की रिपब्लिकन राजनीतिक पार्टी(People Unity-"Kyrgyz El" Republican Political Party of Kyrgyzstan) , किर्गिस्तान की "आलम-गैर पार्टी""(Aalam-Party of Non-Parties" of Kyrgyzstan) , ईरान की इस्लामिक गठबंधन पार्टी, इंडोनेशियाई डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ स्ट्रगल, इंडोनेशियाई ग्रामीण पुनर्निर्माण आंदोलन पार्टी(Indonesian Rural Reconstruction Movement Party) , विविधता पार्टी इंडोनेशिया(Diversity Party of Indonesia), डेनमार्क की कम्युनिस्ट पार्टी, रोमानिया की सोशलिस्ट पार्टी, रोमानिया की नेशनल सोशलिस्ट पार्टी, रूस की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी, सोशलिस्ट राजनीतिक पार्टी "फॉर जस्ट रशिया-पैट्रियट्स-ट्रुथ"(Socialist Political Party "For Just Russia-Patriots-Truth"), शांति और रूस की एकता(Peace and Unity of Russia) , रूस का राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा, कम्युनिस्ट पार्टी "रूसी कम्युनिस्ट", बेलारूस की कम्युनिस्ट पार्टी, स्विट्जरलैंड की कम्युनिस्ट पार्टी, चेकोस्लोवाक कम्युनिस्ट पार्टी , चेक गणराज्य की कम्युनिस्ट पार्टी -21, फिनिश कम्युनिस्ट लीग, सर्बिया की कम्युनिस्ट पार्टी, न्यू यूगोस्लाव कम्युनिस्ट पार्टी, इटली की शांति और समाजवाद के लिए आंदोलन(Movement for Peace and Socialism of Italy) , घाना की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक कांग्रेस, अफ्रीका की डेमोक्रेटिक रैली-गिनी की डेमोक्रेटिक पार्टी(Democratic Rally of Africa-Democratic Party of Guinea), नाइजीरिया की पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी, नाइजीरिया की प्रगतिशील कांग्रेस(All Progressive Congress of Nigeria,) नामीबिया की दक्षिण पश्चिम अफ्रीका पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (South West Africa People's Organizational Party of Namibia) , दक्षिण अफ्रीका की कम्युनिस्ट पार्टी, दक्षिण अफ्रीका की अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस, मॉरीशस की कम्युनिस्ट पार्टी, मोजाम्बिक की लिबरेशन फ्रंट पार्टी, सेनेगल की स्वतंत्रता के लिए वर्कर्स पार्टी(Workers' Party for the Independence of Senegal) , इक्वेटोरियल गिनी की डेमोक्रेटिक पार्टी, जिम्बाब्वे अफ्रीकी राष्ट्रीय संघ-देशभक्ति मोर्चा (ZANU-PF) , तंजानिया की क्रांतिकारी पार्टी(Revolutionary Party of Tanzania) , कांगोलेस पार्टी ऑफ लेबर,डीआर कांगो की कम्युनिस्ट पार्टी, युगांडा राष्ट्रीय प्रतिरोध आंदोलन, मिस्र की सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी, डोमिनिका की यूनाइटेड लेफ्ट मूवमेंट, यूनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला, मैक्सिको की वर्कर्स पार्टी, मैक्सिको की पीपुल्स सोशलिस्ट पार्टी, ब्राजील की मार्क्सवादी-लेनिनवादी कम्युनिस्ट पार्टी, चिली की कम्युनिस्ट पार्टी ( सर्वहारा कार्रवाई)(Communist Party of Chile (Proletarian Action),कोलंबिया की कम्युनिस्ट पार्टी, पेरू के श्रमिकों, किसानों और छात्रों का पीपुल्स फ्रंट(People's Front of Workers, Peasants and Students of Peru) , उरुग्वे का 26 मार्च आंदोलन (March 26 Movement of Uruguay) , थाईलैंड की डेमोक्रेटिक पार्टी, सीरिया की बाथ अरब सोशलिस्ट पार्टी, क्रोएशिया की सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी, अंगोला का लोकप्रिय मुक्ति आंदोलन, मिस्र की सोशलिस्ट फ़्रीडम पार्टी, ब्राज़ीलियाई कम्युनिस्ट पार्टी, ब्राज़ीलियाई वर्कर्स पार्टी, अर्जेंटीना की कम्युनिस्ट पार्टी, संयुक्त राज्य अमेरिका की सोशलिस्ट वर्कर्स पार्टी, बांग्लादेश की अवामी लीग, कंबोडिया की पीपुल्स पार्टी के साथ भी बिरादराना संबंध हैं.
जैसे 20वीं सदी के मध्य में, जब प्रगतिशील लोगों के सामने फासीवाद को कुचलने और सोवियत संघ में अक्टूबर समाजवादी क्रांति की रक्षा करने का मुद्दा था, 21वीं सदी में, सभी समाजवादियों और साम्राज्यवाद-विरोधियों के सामने बिना अगर मगर किए जनवादी कोरिया की समाजवाद की रक्षा का मुद्दा अनिवार्य रूप से होना चाहिए. समाजवादियों द्वारा जनवादी कोरिया की रक्षा उन लोगों के बीच स्पष्ट सीमा रेखा है जो युद्ध और साम्राज्यवाद का विरोध करते हैं और उन वामपंथियों(?) के बीच जो अपने शब्दों और कार्यों से प्रभावी ढंग से साम्राज्यवादी आक्रामकता का समर्थन कर डालते हैं. जनवादी कोरिया की रक्षा अंतर्राष्ट्रीयतावाद, समाजवाद और साम्राज्यवाद-विरोधी अवधारणाओं की रक्षा है.
इसलिए सभी समाजवादियों और शांति कार्यकर्ताओं को अपने राजनीतिक दलों, ट्रेड यूनियनों और युद्ध-विरोधी/साम्राज्यवाद-विरोधी आंदोलनों और अभियानों के भीतर कोरियाई एकीकरण, कोरिया में युद्ध को रोकने और कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य की समाजवाद की उपलब्धियों और उसकी रक्षा से संबंधित मुद्दों को उठाना चाहिए!
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