फसलों का बंपर उत्पादन
जनवादी कोरिया में इन दिनों फसलों की कटाई का काम तेजी से चल रहा है. इस साल वहाँ फसलों की बंपर पैदावार हुई है.
देश के उत्तर फ्यंगआन प्रांत मे स्थित छलसान काउंटी(평안북도 철산군) ,दक्षिण फ्यंगआन प्रांत की सुकछन काउंटी (평안남도 숙천군) और उत्तर ह्वांगहे प्रांत की उनफा काउंटी (황해북도 은파군) के सहकारी फार्मों में बिना एक दाना बर्बाद किए निर्धारित तिथि से पहले फसल कटाई का काम पूरा होने की उम्मीद है.कार्य कुशल मशीनों का उपयोग कर हर रोज ज्यादा से ज्यादा फसलों की कटाई हो रही है और इसके लिए कृषि यंत्रों के आवश्यक पुर्जे और ईंधन की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था भी की गई है. वहीं फ्यंगयांग शहर के राकरांग और सादोंग क्षेत्र (평양시 락랑구역, 사동구역) के सहकारी फार्मों में पिछले वर्ष की तुलना में प्रति हेक्टेयर एक टन ज्यादा की उपज हो रही है. फसलों के बंपर उत्पादन के पीछे वर्कर्स पार्टी के प्लेनरी मीटिंग के निर्णय और पार्टी के जेनरल सेक्रेट्री काॅमरेड किम जंग उन द्वारा खेती और उससे जुड़े मसलों पर उनके विशेष ध्यान और त्वरित कदमों का हाथ है.
उधर उत्तर ह्वांगहे प्रांत के कोकसान काउंटी (황해북도 곡산군) के सहकारी फार्मों में गेहूं की बुआई भी शुरू हो गई है. और देश के प्रमुख नामहूंग रसायन कारखाने (남흥청년화학련합기업소) में नई तकनीक से रासायनिक खाद के उत्पादन को बढ़ाया जा रहा है और देश के रयांग्गांग प्रांत के सामजीयन शहर (량강도 삼지연시) के खाद्य प्रसंस्करण कारखाने पूरी क्षमता के साथ चलाए जा रहे हैं, आलू से आटे और अन्य स्वादिष्ट ओर पौष्टिक खाद्य पदार्थ बनाए जा रहे हैं. कारखाने में एक भी आलू बरबाद न हो इसके लिए भंडारण के विशेष उपाय किए गए हैं और ब्लूबेरी से बनने वाले पेय पदार्थ के लिए नई तकनीक और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
ब्रिटेन के कोरिया (जनवादी) मैत्री संघ Korean Friendship Association, KFA UK जो कि जनवादी कोरिया के सरकारी या किसी भी फंड से नहीं चलाया जाता है के मुताबिक जनवादी कोरिया के प्रत्येक व्यस्क नागरिक को सरकार की तरफ से रोजाना मुफ्त में 500 ग्राम टोफू, 300 ग्राम चावल, 2 अंडे, 250 ग्राम सब्जियां, 250 ग्राम फल, ब्रेड और अन्य बेकरी उत्पाद और 2 लीटर बीयर प्राप्त होता है.
जनवादी कोरिया ने जूछे कृषि विधि(주체농법) अपनाई. यह एक वैज्ञानिक विधि है. यह उचित फसलों को उचित मिट्टी में उचित समय पर बोने के सिद्धांत पर आधारित है. जूछे कृषि विधि को अपनाकर जनवादी कोरिया ने अतीत से वर्तमान तक में बंपर फसलों का उत्पादन किया है. साम्राज्यवादी फंड से चलने वाले तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों का अनुमान है कि जनवादी कोरिया को सालाना 54 से 55 लाख टन अनाज की जरूरत है और उसमें से जनवादी कोरिया खुद से 50 लाख टन उपजाने में सक्षम रहा. इतना ही नहीं जापान के आर्थिक अखबार दोयोकेईजाईनिप्पो(東洋経済日報) के मुताबिक सितम्बर 2014 में जनवादी कोरिया ने 56 लाख टन अनाज का उत्पादन खुद से कर लिया था और उसके बाद हर साल 50 लाख टन का उत्पादन उसके लिए चुटकी बजाने जैसा ही है.
इतना ही नहीं जनवादी कोरिया ने अपने कृषि वैज्ञानिकों को दूसरे देशों के किसानों के प्रशिक्षण के लिए भेजा और दूसरे देशों के विद्यार्थियों को अपने यहाँ संबंधित प्रशिक्षण दिया है. इतना ही नहीं जनवादी कोरिया ने गिनी और तंजानिया में कृषि संस्थानों की भी स्थापना की है.
विश्व खाद्य कार्यक्रम(World Food Program, WFP), जिससे जनवादी कोरिया के प्रति किसी भी सहानुभूति की उम्मीद नहीं की जा सकती है उसके मुताबिक वहाँ की खाद्य आत्मनिर्भरता की दर 92℅ है और यह भी तब जब जनवादी कोरिया का 85% भूभाग पहाड़ी है और वहाँ की जलवायु भी कृषि योग्य नहीं है जबकि तुलनात्मक रूप से ज्यादा खेती की जमीन वाले दक्षिण कोरिया की खाद्य आत्मनिर्भरता की दर महज 23% ही है.
जनवादी कोरिया की समाजवादी कृषि प्रणाली एक महान उपलब्धि रही है और दूसरे देशों के लिए माॅडल भी , तब वहाँ कैसा अकाल और भुखमरी? अगर कोई भी यह कहता है कि वहाँ 'अकाल' या ' भुखमरी'है, वह या तो सरासर झूठ बोल रहा है या उल्टी-सीधी बातें कर रहा है. जनवादी कोरिया के लिए संघियों के व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से भी बहुत बड़े पैमाने वाली विराट झूठ की फैक्ट्री खड़ी है.
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