दंगा और हिंसक प्रदर्शन मुक्त समाज
आए दिन आप तथाकथित आदर्श "लिबरल डेमोक्रेसी" वाले देशों अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस इत्यादि देशों में हिंसक प्रदर्शन, दंगे तोड़ फोड़ की खबरें सुनते ही रहते हैं. इन सबकी मुख्य वजह बेरोजगारी, मंहगाई, गरीबी, गैर बराबरी, भेदभाव, प्रशासन द्वारा शोषण इत्यादि होते हैं.
जनवादी कोरिया में ऐसी अराजकता अकल्पनीय है.
जनवादी कोरिया में सभी को मुफ्त में आवास प्रदान किया जाता है, शिक्षा मुफ्त है, 100% रोजगार की गारंटी है, और 1974 से जनता को किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है. ऐसे में वहाँ की जनता किस आधार पर विरोध करेगी?
इन सबसे ऊपर, जनवादी कोरिया की जनता मजबूती से अपने नेता और पार्टी के इर्द-गिर्द एकजुट हैं और दुनिया के किसी भी देश में ऐसा नहीं है.
जनवादी कोरिया एक ऐसा देश है जिसमें सब कुछ स्थिर है, जिसकी तुलना तथाकथित "विकसित" पूंजीवादी देशों से नहीं की जा सकती.
जनवादी कोरिया के युवा दंगा नहीं करते हैं.वे समाजवाद के निर्माण और देश की रक्षा के लिए प्रभारी और अगुआ इकाइयों के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं
जब भी अमेरिकी साम्राज्यवादियों और उनके दलालों द्वारा उनकी मातृभूमि को खतरा होता है, तब वहाँ के युवा मातृभूमि के लिए लड़ने के लिए सेना में स्वेच्छा से भर्ती हो जाते हैं.
जनवादी कोरिया में मंदी, बेरोजगारी या बजट में कटौती जैसी कोई समस्या नहीं है.
वहाँ के जूछे समाजवादी सिद्धांत के अनुसार जनता ही मालिक है और अपनी नियति खुद निर्धारित करती है. वहाँ कोई पूंजीपति मालिक नहीं हैं जो व्यक्तिगत लाभ के लिए लोगों का मनमाने ढंग से शोषण करे.
इसके अलावा जनवादी कोरिया में वैसा शासन या राजनीति नहीं है जो शोषक वर्ग के पक्ष में जनता को धोखा दे और उनका दमन करे.
देश के सभी श्रम स्थलों, खेतों, कारखानों और उत्पादन के साधनों पर जनता का नियंत्रण है, उत्पादन और श्रम के सभी साधन जनता के लिए ही नियोजित, क्रियान्वित और वितरित किए जाते हैं,तो कौन किसके खिलाफ विरोध करेगा?
यह स्वाभाविक है कि कोरिया में कोई प्रदर्शन या दंगे नहीं होंगे, जहां कोई विदेशी हस्तक्षेप, शोषक, या देशद्रोही नहीं है और सब कुछ सच्चाई और सद्भावना पर आधारित है.
पूंजीवादी व्यवस्था में प्रदर्शन और दंगे स्वाभाविक हैं. पूंजी की बेलगाम दुनिया में कितने भी विरोध प्रदर्शन हो लें, लेकिन कुछ भी ठोस हल नहीं निकलता और जाहिर है ऐसी व्यवस्था में रहने वाले लोग जनवादी कोरिया को नहीं समझेंगे. ऐसे लोग तरस खाने के ही काबिल हैं.
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