शुक्रवारीय श्रमदान

 

अफसर चले खेतों में काम करने!

 
जनवादी कोरिया में विभिन्न मंत्रालयों, संस्थानों के बड़े बड़े अफसरान खेती से संबंधित सामानों को ट्रकों पर लादकर खेतों में काम करने जा रहे हैं.

विगत 13 जनवरी 2023 यानि शुक्रवार को जनवादी कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग के बड़े बड़े अफसर लोग शहर के मुख्य चौराहे पर जमा हुए और वहाँ से  शहर के अलग अलग सहकारी फार्म हाउसों में काम करने के लिए रवाना हुए. इसमें जनवादी कोरिया की संसद की स्टैंडिंग कमिटी , कैबिनेट सचिवालय के अफसरों समेत निर्माण एवं भवन निर्माण सामग्री उद्योग मंत्रालय(건설건재공업성 Ministry of Construction and Building-Materials Industry) गुणवत्ता नियंत्रक आयोग(품질감독위원회 The Quality Control Commission),समाजवादी महिला संघ की सेंट्रल कमिटी  ( 사회주의녀성동맹 중앙위원회 Central Committee of the Socialist Women's Union) , बोंगह्वा ट्रेड ब्यूरो (봉화무역국, Bonghwa Trade Bureau)रसायन उद्योग मंत्रालय(화학공업성 Ministry of Chemical Industry) , और जनवादी कोरिया के केंद्रीय बैंक(조선민주주의인민공화국 중앙은행,  Central Bank of the Democratic People's Republic of Korea)के अफसर शामिल थे और इस तरह से साल के पहले शुक्रवारीय श्रमदान की शुरुआत हुई.

समाज में सारी भौतिक वस्तुऐं श्रम का ही नतीजा होती हैं. इसलिए जनवादी कोरिया  जैसे समाजवादी देश में श्रम का बहुत महत्व है और वहाँ बड़े बड़े अफसरों से भी अनिवार्य रूप से शारीरिक श्रम करवाने की परंपरा है और इसके तहत हरेक शुक्रवार को अफसर लोग खेत खलिहानों और निर्माणाधीन स्थलों पर श्रम करते हैं. शुक्रवार को किए जाने के कारण इसे शुक्रवारीय श्रमदान (금요로동 Friday Labour) कहते हैं.

जनवादी कोरिया में अभिजात्यवाद और नौकरशाही के खिलाफ 1970 के दशक से विचारधारात्मक अभियान चलाया गया.  इसके पीछे यह धारणा थी कि अधिकारियों को आम जनता के पास जाना चाहिए, उनकी समस्याओं के मूल कारण को समझना चाहिए और समस्या को हल करने के सही तरीके खोजना चाहिए, लोगों के साथ काम को प्राथमिकता देना चाहिए और श्रम के महत्व को समझना चाहिए. इस तरह से प्रत्येक शुक्रवार को अफसरों द्वारा श्रमदान करवाने की परंपरा की शुरुआत हुई.

श्रम करने के दौरान अधिकारी जनता के साथ घुलमिल जाते हैं और सामान्य कामकाजी लोगों के कपड़े पहनते हैं और उन्हें मेहनतकश लोगों से अलग पहचानना कठिन होता है. सनद रहे वहाँ सचमुच में अफसर लोग पूरे दिन काम करते हैं, फोटो खिंचवाने या वीडियोग्राफी वाली इंवेंटबाजी नहीं होती. ये साल का पहला शुक्रवारीय श्रमदान था इसलिए टीवी पर दिखाया गया.


जनवादी कोरिया में अफसरों को  नियमित रूप से शारीरिक श्रम  के अलावा प्रत्येक बुधवार को काम खत्म करने के बाद विचारधारात्मक व्याख्यान ( 수요강연회 Ideological Lecture) में भाग लेना और प्रत्येक शनिवार को कम्युनिस्ट साहित्य की पढ़ाई और अभ्यास करना होता है ताकि वे समाजवादी व्यवस्था में जनता के भरोसेमंद अफसर बन सकें और जनता भी उनकी बात सुने. बाकी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा शासित देशों चीन, क्यूबा, वियतनाम, लाओस में अफसरों को जनता का सच्चा सेवक और समाजवादी इंसान बनाने के लिए कैसी नीतियां हैं और उनपर कितना अमल होता है ये तो नहीं मालूम पर जनवादी कोरिया में अफसरों को जनता और समाजवाद के करीब लाने की पुख्ता व्यवस्था है. इसलिए भी जनवादी कोरिया से जनता के असंतोष की खबरें नहीं आती. अब जनवादी कोरिया के खिलाफ अमेरिकी साम्राज्यवाद और उसकी पैदाइश दक्षिण कोरिया की गोयबल्स की शैली वाले दुष्प्रचार के शिकार लोग चाहे कुछ भी सोच लें पर वहाँ के सरकारी अफसर नौकरशाही से आज़ाद हैं और जनता की समस्या सुनते और उसका समाधान करते हैं.

 
जाहिर है अफसरों को सच्चा समाजवादी इंसान बनाने के लिए वर्कर्स पार्टी को एक लंबा विचारधारात्मक संघर्ष चलाना पड़ा. वीडियो के आखिर में जेनरल मैनेजर के रैंक का एक अफसर कहता है कि हर इंसान की जिंदगी से खेती का सीधा नाता है और खाना खाने वाले हरेक इंसान को सच्चे दिल से खेती के काम में हाथ बंटाना चाहिए इसलिए मैं खाली शुक्रवार के श्रमदान में भाग लेने ही नहीं आया हूँ. पार्टी ने इस साल के आर्थिक लक्ष्यों में अनाज उत्पादन को पहले स्थान पर रखा है तो मैं सच्चे दिल से इसपर काम करना चाहता हूँ.

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