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जनवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जनवादी कोरिया का शिशु पालन कानून

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आए दिन आप तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया द्वारा जनवादी कोरिया जिसे उत्तर कोरिया के नाम से ज्यादा लोग जानते हैं, के तथाकथित "अजीबोगरीब" "खतरनाक" कानूनों के बारे में जानते  रहते हैं और आप इसे सच भी मानने लगते हैं  पर सच में जनवादी कोरिया में ऐसे ऐसे  खतरनाक कानून हैं जो मानव द्रोही, रक्त पिपासु और मुठ्ठी भर धनपशुओं के उज्ज्वल पर बहुसंख्यक जनता के लिए अंधकारमय भविष्य वाली पूंजीवादी व्यवस्था और उसकी संगिनी " लिबरल डेमोक्रेसी' के लिए खतरा तो हैं अब जनवादी कोरिया के शिशु पालन(Child Care) कानून को ही देख लिया जाए. जनवादी कोरिया की स्थापना से ही बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य में पालना  वर्कर्स पार्टी और सरकार की सबसे महत्वपूर्ण नीति और सर्वोच्च इच्छा है. देश में बच्चे पार्टी और सरकार की स्नेहपूर्ण देखभाल के तहत खुशी और अच्छे स्वास्थ्य में पलते बढ़ते आए हैं. अब वहाँ ऐसा कानून बना दिया गया है कि देश के सभी बच्चों को हर हाल में बिना किसी कटौती के सरकारी खर्चे से  दूध और पौष्टिक भोजन और स्कूल ड्रेस समेत स्टेशनरी की चीजें मुफ्त में दी जाएंगी क्योंकि वर्कर्स पार्टी के अनुसार द

फर्जी है दक्षिण कोरिया का लोकतंत्र-2

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पश्चिमी कारपोरेट मीडिया  इस बात का दावा करता है कि जनवादी कोरिया ( उत्तर कोरिया) अपने नागरिकों पर दक्षिण कोरियाई सीरियल या फिल्म देखने के चलते मुकदमा चलाता है और कभी मौत की भी सजा देता है और  कई लोग इस बात को सच भी मानते हैं. इस बात का कई बार भंडाफोड़ हो चुका है कि  पश्चिमी मीडिया में जनवादी कोरिया से संबंधित लगभग सारी खबरें एक "फेक न्यूज़" से ज्यादा कुछ नहीं होती हैं. इनकी सूचना का मुख्य स्तोत्र कुछ जनवादी कोरिया से भागे हुए लोगों की गवाही होती है, जिन्हें बाकायदा प्रशिक्षण देकर एक पेशेवर झुठ्ठा(Professional Lier) बनाया जाता है और इनके मुंह से जनवादी कोरिया के खिलाफ अतिशयोक्तिपूर्ण झूठ कहवाया जाता है और इसके लिए उन्हें हजारों डाॅलर भी दिए जाते हैं और इन भगोड़ों की संलिप्तता लैटिन अमेरिका में चुनी हुई सरकारों के तख्तापलट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली धुर दक्षिणपंथी थिंक टैंकों के साथ भी है. पर इसके बावजूद भी कई लोगों पर इस झूठ का बहुत असर है कि जनवादी कोरिया में विदेशी फिल्में देखने के जुर्म में जेल या मौत की सजा दी जाती है. पर अगर हम यह कहें कि जनवादी कोरिया में दक्षिण

शुक्रवारीय श्रमदान

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  अफसर चले खेतों में काम करने!   जनवादी कोरिया में विभिन्न मंत्रालयों, संस्थानों के बड़े बड़े अफसरान खेती से संबंधित सामानों को ट्रकों पर लादकर खेतों में काम करने जा रहे हैं. विगत 13 जनवरी 2023 यानि शुक्रवार को जनवादी कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग के बड़े बड़े अफसर लोग शहर के मुख्य चौराहे पर जमा हुए और वहाँ से  शहर के अलग अलग सहकारी फार्म हाउसों में काम करने के लिए रवाना हुए. इसमें जनवादी कोरिया की संसद की स्टैंडिंग कमिटी , कैबिनेट सचिवालय के अफसरों समेत निर्माण एवं भवन निर्माण सामग्री उद्योग मंत्रालय(건설건재공업성 Ministry of Construction and Building-Materials Industry) गुणवत्ता नियंत्रक आयोग(품질감독위원회 T he Quality Control Commission),समाजवादी महिला संघ की सेंट्रल कमिटी  ( 사회주의녀성동맹 중앙위원회 Central Committee of the Socialist Women's Union) , बोंगह्वा ट्रेड ब्यूरो (봉화무역국, Bonghwa Trade Bureau)रसायन उद्योग मंत्रालय(화학공업성 Ministry of Chemical Industry) , और जनवादी कोरिया के केंद्रीय बैंक(조선민주주의인민공화국 중앙은행,  Central Bank of the Democratic People's Republic of Korea)के अफसर शामिल थे और इस तरह

संकल्प महारैली

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वर्कर्स पार्टी की आठवीं सेंट्रल कमिटी की छठवीं प्लेनरी मीटिंग के निर्णयों को पूरी तरह से लागू करो!  जनवरी के प्रथम सप्ताह में जनवादी कोरिया की फिजाओं में यह नारा गुंजायमान रहा. वर्कर्स पार्टी की आठवीं सेंट्रल कमिटी की छठवीं प्लेनरी मीटिंग 26 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022 तक पार्टी मुख्यालय में हुई. तत्पश्चात मीटिंग में लिए गए निर्णयों को लागू कराने के लिए देश की राजधानी फ्यंगयांग समेत सारे प्रांतों उत्तर एवं दक्षिण फ्यंगआन,  उत्तर एवं दक्षिण ह्वांगहे, खांगवन, उत्तर एवं दक्षिण हामग्यंग, रयांग्गांग , छागांग और तीन विशेष प्रशासनिक इकाईयों नाम्फो, केसंग और रासन में संकल्प महारैली और जूलूस का आयोजन किया गया. फ्यंगयांग में संकल्प महारैली दुनिया के दूसरे सबसे बड़े स्टेडियम मई दिवस स्टेडियम में एक लाख लोगों की भागीदारी के साथ आयोजित की गई, पार्टी के अधिकारियों के जोशीले भाषणों के साथ पार्टी के निर्णयों को लागू कराने का संकल्प लिया गया और विशाल जूलूस निकाला गया और अंत में देश के प्रमुख बैंड ने हौसला अफ़ज़ाई के लिए क्रांतिकारी गीत संगीत पेश किए. वहीं सारे प्रांतों की राजधानियों के मुख्य चौराहे या म

भारत की खबरें

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जनवादी कोरिया के टीवी चैनल पर कश्मीर की हस्तकला और जोशीमठ की खबरें इस हफ्ते जनवादी कोरिया के  टीवी चैनल पर रोजाना शाम को प्रसारित होने वाले न्यूज़ बुलेटिन की अंतर्राष्ट्रीय खबरों में भारत से दो खबरें रहीं. कश्मीर की हस्तकला के बारे में यह बताया जा रहा है कि भारत के कश्मीर राज्य में परंपरागत हस्तकला के विकास  की पुरजोर कोशिशें की जा रही है. यहाँ के ढाई लाख लोग पारंपरिक हस्तकला पर निर्भर हैं. यहाँ का रेशम और लकड़ी की बनी वस्तुऐं अपनी गुणवत्ता और कारीगरी के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन कुछ सालों से आर्थिक कारणों से हस्तकला की वस्तुओं के उत्पादन में भारी कमी आई थी पर अब स्थानीय निवासी गायब होती जा रही अपने राज्य की कला को जीवित रखने के लिए इसका पुनरोद्धार और इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं.    जोशीमठ वाली खबर में यह बताया गया है कि हिमालय में बसे इस कस्बे में जमीन धंसने से नुकसान हुआ है. स्थानीय निवासियों के अनुसार 2012 की बाढ़ के बाद से जमीन में बदलाव शुरू हो गया. जमीन के धंसने से एक मंदिर गिर गया और 600 घरों के दीवारों में दरारें आ गई और प्रभावित लोगों ने अस्थायी कैंपो

सिओल की झुग्गियाँ

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  सिओल की झुग्गियाँ - संपन्नता की अट्टालिकाओं से घिरे विपन्नता के टापू इस वीडियो में  तथाकथित विकसित और संपन्न और विकासशील देशों के रोल मॉडल कहे जाने वाले पूंजीवादी दक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती का एक हिस्सा दिखाया गया है जो वहाँ की राजधानी सिओल के दक्षिण इलाके में 2 किलोमीटर में फैली हुई है और ये बस्ती जिस इलाके में है उसके तथाकथित स्टाइल पर दुनिया भर के लोग पागल होकर झूमे थे. वही कांगनाम स्टाइल. यह झुग्गी बस्ती कांगनाम में ही है जो देश का सबसे अमीर इलाका है और जहाँ बसना हर दक्षिण कोरियाई का सपना है. दक्षिण कोरिया की इस सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती को कुर्यूंग बस्ती(Kuryung village) कहते हैं, और इस बस्ती में अभी 700 लोग रहते हैं. इस बस्ती के निवासी पहले  1960-70 के दशक में देश के ग्रामीण इलाकों से पलायन कर राजधानी सिओल के विभिन्न इलाकों में बसे थे पर 1980 के दशक में सिओल में पहले एशियाड और उसके बाद ओलंपिक के नाम पर और 1990 के दशक में दक्षिण कोरियाई कारपोरेट द्वारा विकास के नाम पर इन गरीबों को उजाड़ दिया गया और ऐसे लोगों से ही कुर्यूंग बस्ती बसनी शुरू हुई. यूँ कहें कि इस बस्त

नई डबल डेकर बसें

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 फ्यंगयांग शहर में नई डबल डेकर बसें जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी  और उसके सेक्रेटरी काॅमरेड किम जंग उन जनता को और ज्यादा सुविधाजनक और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन मुहैय्या कराने के लिए हमेशा फिक्रमंद रहते हैं. पार्टी के निर्देश पर राजधानी फ्यंगयांग के निवासियों के लिए शहर के यात्री परिवहन निगम ने नई प्रकार की डबल डेकर बसों को सड़कों पर उतारा.  इस डबल डेकर बस में 70 सीटें हैं और 120 सवारियों को बैठाने की क्षमता है. यह सारी बसें जनवादी कोरिया की पूर्णतः स्वदेशी तकनीक से बनाई गई हैं. फ्यंगयांग में दुनिया की सबसे सस्ती सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था है. बस का किराया लगभग 3 ब्रिटिश पेंस जो कि भारतीय मुद्रा में ढाई से तीन रुपये है जो कि दुनिया में सबसे सस्ता है और दशकों से बसों के किराये में कोई भी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है जबकि इस दौरान सार्वजनिक परिवहन सुविधा के आधुनिकीकरण पर वहाँ की सरकार ने खूब खर्च किया है पर इसका भार जनता पर कभी नहीं डाला.

2022 जनवादी कोरिया में निर्माण का वर्ष

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  बीता साल 2022 जनवादी कोरिया में र्निर्माण का साल भी रहा. राजधानी फ्यंगयांग जैसे शहरी इलाकों में इस एक साल की अल्पावधि में जनता के रहने के लिए बहुमंजिली इमारतों वाले शानदार नए टाउनशिप तैयार हो गए तो वहीं देश के ग्रामीण क्षेत्रों  का कायाकल्प जोरशोर से हुआ और अभी भी जारी है.  28 दिसंबर 2021 को जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी की 8 वीं सेंट्रल कमिटी की चौथी प्लेनरी मीटिंग में देश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधुनिकीकरण का निर्णय लिया गया और जून 2022 में भी सेंट्रल कमिटी की पांचवीं प्लेनरी मीटिंग में भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों के कायाकल्प और आधुनिकीकरण के निर्णय को दुहराया गया. जाहिर है एक साल के अंदर देश के सारे ग्रामीण क्षेत्रों का आधुनिकीकरण नहीं पूरा किया जा सकता पर अगले 2-3 सालों में जनवादी कोरिया के सारे गाँव आधुनिक घर और बाकी सारी शहरी स्तर की सुविधाओं से लैस हो जाऐंगे.  वीडियो देखने से पता चलता है कि शहरों के अलावा वहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों में वृहत् स्तर पर कैसे आधुनिक घर खड़े किए जा रहे हैं. यहाँ ध्यान देने योग्य बात है कि इस पृथ्वी या ब्रहमाण्ड में जनवादी कोरिया इकलौता देश है ज