जनवादी कोरिया की कोविड -19 पर जीत
बीते 10 अगस्त 2022 जनवादी कोरिया ने अपने यहाँ कोविड 19 के प्रसार को काबू में करने के लिए तीन महीने पहले बनाए गए शीर्ष स्तरीय आपातकालीन महामारी विरोधी व्यवस्था को हटा दिया. इस दिन जनवादी कोरिया के राज्य कार्य समिति ( State Affairs Commission) के अध्यक्ष और वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने महामारी विरोधी कार्य के राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में अपने भाषण में जनवादी कोरिया की सरजमीं पर कोविड 19 के वायरस के खात्मे और जनता के जीवन और सेहत को बचाने की लड़ाई में जीत की घोषणा की. जबकि दुनिया अभी भी इस महामारी से जूझ रही है. जनवादी कोरिया की इस महामारी पर जीत स्वास्थ्य सेवा के इतिहास में एक आश्चर्य ही है जिसके गहरे मायने हैं.
बीती मई में देश में अप्रत्याशित आपात स्थिति उत्पन्न हुई क्योंकि घातक वायरस ने जनवादी कोरिया की सरजमीं में घुस गया था, उसी जनवादी कोरिया में जो दुनिया में इस महामारी के प्रकोप के शुरुआती दिनों से ही सरकार द्वारा उठाए गए सख्त उपायों से दो साल से अधिक वक्त तक कोरोना वायरस से आज़ाद रहा था. जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी और सरकार ने तुरंत एक समग्र, दृढ़ और आक्रामक महामारी विरोधी युद्ध के साथ इसका जवाब दिया. 12 मई के बाद से, राज्य आपातकालीन महामारी विरोधी प्रणाली को शीर्ष-स्तरीय आपातकालीन महामारी-विरोधी प्रणाली में बदल दिया गया और पूरे देश में एक क्षेत्र को दूसरे क्षेत्र और काम और उत्पादन इकाइयों और रिहायशी इकाइयों को एक दूसरे से काटने के उपाय किए गए. और उसके बाद, पूरे देश में सभी आबादी की गहन जांच की गई , आपातकाल के लिए रखी देश की सभी रिजर्व दवाईयां तुरंत जारी की गई और सभी फार्मेसियों को 24-7 सेवा प्रणाली के तहत संचालित किया जाने लगा.कोरियाई जनसेना (Korean People's Army) के चिकित्सा क्षेत्र के लगभग 3,000 जवानों को राजधानी फ्यंगयांग में दवाओं की आपूर्ति और रोगियों के इलाज के लिए तैनात किया गया. महामारी विरोधी और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्रों के दस लाख से अधिक अधिकारियों, शिक्षकों और छात्रों ने संबंधित क्षेत्रों में गहन चिकित्सा जांच में भागीदारी की. वास्तव में, ये उपाय दुनिया में अभूतपूर्व थे क्योंकि किसी अन्य देश ने इस तरह के उपायों को पूरी तरह से लागू नहीं किया था.
उपर्युक्त कदमों के चलते घातक वायरस के प्रसार के शुरुआती दिनों में एक लाख से उपर दर्ज किए गए बुखार के मामलों की दैनिक संख्या एक महीने बाद 90,000 से कम हो गई; इसके बाद संख्या में कमी जारी रही, और 29 जुलाई के बाद से कोई भी संदिग्ध मामला या उपचाराधीन रोगी की सूचना नहीं मिली.इस अवधि में कुल 47 लाख 72 हजार 813 मामले आए और मरने वालों की कुल संख्या 74 रही, जो 0.0016 फीसद के साथ रिकॉर्ड कम है, जिसे विश्व के सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक चमत्कार ही कहा जाएगा. यह कोविड-19 के जनवादी कोरिया के क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से 100 दिनों से अधिक समय तक चलने वाले महामारी-विरोधी युद्ध में जीत हासिल की गई यह जबरदस्त सफलता और शीर्ष-स्तरीय आपातकालीन महामारी-विरोधी प्रणाली को लागू किए जाने के बाद से 91 दिनों की बात है. मानव इतिहास में उल्लेखनीय चमत्कार है और कोरियाई जनता द्वारा हासिल की गई एक बड़ी जीत है.महामारी पर जनवादी कोरिया की जीत की कई और वजहें रहीं
पहली वजह जनवादी कोरिया की सारी जनता की संगठित होने की भावना, स्वैच्छिक एकता और उद्देश्यपूर्ण उत्साह है. देश भर में हर क्षेत्र और हर इकाई को बंद करने के उपाय कोरियाई लोगों के लिए एक गंभीर परीक्षा की घड़ी थी. पर कोरियाई जनता में जरा सा भी संकोच, कमजोरी, निराशावाद और भय नहीं देखा गया. अपने नेता और पार्टी के चारों ओर मजबूती से एकजुट होकर, उन्होंने बिना किसी संदेह के सभी महामारी विरोधी उपायों, नियम और निर्देशों को , खुद और अपने परिवार, समाज और देश के लिए स्वेच्छा से और ईमानदारी से उनका पालन करने और क्रियान्वित करने का एक उत्कृष्ट गुण प्रदर्शित किया. सरकार की महामारी विरोधी नीति का सर्वसम्मति से पालन करने में कोरियाई जनता ने जिस दृढ़ता और संयुक्त प्रयासों को दिखलाया, उसने जनवादी कोरिया के लिए अद्वितीय शक्ति के स्रोत के रूप में कार्य किया और देश को महामारी विरोधी युद्ध में जीतने का मार्ग प्रशस्त किया.
दूसरी वजह देश की मजबूत और जनता केंद्रित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली रही. महामारी से लड़ाई में जनवादी कोरिया की पिछले कई दशकों से स्थापित जिला चिकित्सक प्रणाली, आपातकालीन चिकित्सा सेवा प्रणाली, टेलीमेडिसिन प्रणाली और अन्य जन-उन्मुख और उन्नत चिकित्सा सेवा प्रणालियों को प्रभावी संचालन में लाया गया. शीर्ष स्तर की आपातकालीन महामारी विरोधी अवधि के दौरान, 71 200 से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मी और 11 लाख से अधिक स्वच्छता कार्यकर्ता हर दिन देश भर में महामारी विरोधी और उपचार कार्यों के लिए लामबंद किए गए थे, इसके अलावा हजारों पूर्व सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वेच्छा से इसमें हिस्सा लिया था. विशेष रूप से, जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के विशेष आदेश पर राजधानी फ्यंगयांग में भेजे गए 3000 सैनिक स्वास्थ्य कर्मियों ने आपातकालीन महामारी विरोधी युद्ध के मोर्चे पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.
तीसरी वजह कोरियाई जनता में कम्युनिस्ट गुणों की मौजूदगी थी महामारी से लड़ाई के दौरान, कोरियाई जनता ने कठिनाइयों का सामना करने में एक दूसरे की मदद करने और देखभाल करने की मानवीय भावना को अधिक गर्मजोशी और दृढ़ता से प्रदर्शित किया. देश भर में विभिन्न प्रकार के 8,000 से अधिक चलंत सेवा समूहों का गठन किया गया, और उन्होंने जरूरतमंद परिवारों को दवाएं, महामारी विरोधी कार्य से संबंधित सामग्री, खाद्यान्न मुहैय्या कराया. देश की राजधानी और प्रांतों से लेकर, सभी कारखानों और कस्बे देहातों और मछुआरों के गांवों तक ऐसे परोपकारी समूह हर जगह मौजूद थे.और इसमें समाज के व्यापक वर्ग शामिल थे, अधिकारियों की यूनियन से लेकर यहां तक कि कोरियाई बच्चों का यूनियन(Korean Children's Union 조선소년단 , 7 से 12 वर्ष के बच्चों का संगठन) भी इसमें शामिल था.
चौथी वजह, वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन की उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता रही. वास्तव में अपनी जनता के लिए हमेशा प्रेम और समर्पण की भावना रखने वाले काॅमरेड किम जंग उन की दूरदृष्टि के साथ महामारी विरोधी अभियान को बुद्धिमानी से आगे बढ़ाया और दृढ़ता से इसे एक सफल अंजाम तक पहुंचाया.उन्होंने देश में कोरोना से उत्पन्न सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के प्रकोप के शुरुआती दिनों से ही उपयुक्त और दृढ़ उपाय किए और कई अवसरों पर पार्टी की महत्वपूर्ण बैठकों में मूल रणनीति और रणनीति को सामने रखा.उन्होंने अपने परिवार द्वारा तैयार की गई दवाएं भी जरूरतमंद परिवारों को भेजीं और दवाओं की आपूर्ति के बारे में जानने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्योंगयांग में फार्मेसियों का दौरा किया
( 15 मई 2022 का वीडियो, जिसमें काॅमरेड किम जंग उन फ्यंगयांग की फार्मेसियों का दौरा कर स्थिति की जानकारी ले रहे हैं)
तीन महीने तक चली शीर्ष स्तर की आपातकालीन महामारी विरोधी अवधि के दौरान, उन्होंने 580 से अधिक अवसरों पर निर्देश दिए और 1 772 दस्तावेजों के 22 956 पन्नों को पढ़ा . ये तथ्य इस बात के प्रमाण हैं कि उन्होंने आपातकालीन महामारी-विरोधी युद्ध के लिए दिन रात एक कर दिया. जनता के लिए पूर्ण समर्पित नेता के लिए ही ऐसा करना संभव है.
वहीं बाकी दुनिया के लोगों के बीच कोविड-19 के फैलने के बाद से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं. संयुक्त राज्य अमेरिका सहित पूंजीवादी देशों में अमीर लोगों ने समुद्री टापुओं में भागने के लिए एक दूसरे से होड. लगा दी और अपने शानदार जीवन की तस्वीरें इंटरनेट पर लगाईं. दूसरों ने ढेर सारा सामान खरीद कर जमा किया और यहां तक कि सामाजिक अराजकता की आशंका में हथियार भी खरीदे. "आजादी" का दावा करते हुए, कईयो ने मास्क भी नहीं पहना और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे महामारी विरोधी नियमों का उल्लंघन करते हुए बैठकें कीं लोगों के ऐसे खुदगर्ज और गैरजिम्मेदाराना रवैये ने महामारी को और फैलाया और कई लोगों की मृत्यु हुई (विश्वगुरू के बारे में अलग से बताने की जरुरत है?)
वहीं अपनी संगठित जनता और सरकार के त्वरित आवश्यक कदमों और अपनी जनता की इस महामारी से सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद जनवादी कोरिया ने शीर्ष-स्तरीय आपातकालीन महामारी-विरोधी प्रणाली हटा ली और मास्क पहनने की अनिवार्यता खत्म कर दी. वहीं दूसरे देशों ने कोविड के मामलों में थोड़ी कमी आने पर ढील दी और फिर मामले बढ़ने पर पाबंदियां चस्पा कर दीं. जनवादी कोरिया में ऐसा नहीं हुआ मामलों में लगातार कमी आने पर भी कोई ढील नहीं दी और जब जुलाई के अंतिम हफ्ते से एक भी नया मामला नहीं आया और लगातार 10 दिनों तक नहीं आया, तब जाकर कोविड प्रोटोकॉल हटाया गया.और अब जनवादी कोरिया को विश्वास है कि वह भविष्य में किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए तैयार है.
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