जनवादी कोरिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
8 मार्च 2022 को जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) में 112 वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस दिन जनवादी कोरिया में सार्वजनिक अवकाश रहता है .इस अवसर देश की राजधानी फ्यंगयांग समेत अन्य प्रांतीय शहरों में खेलकूद, नृत्य, गीत संगीत का आयोजन किया गया.
समाजवादी व्यवस्था वाले जनवादी कोरिया में महिलाओं के पास अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ है, वहीं पूंजीवादी देशों में महिलाओं को और तिहरे उत्पीड़न और शोषण का सामना करना पड़ता है.
30 जुलाई 1946 को उत्तर कोरिया की अंतरिम जन कमेटी( Provisional People's Committee) ने यौन समानता पर कानून पारित किया, जिसने देश के इतिहास में पहली बार महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिया, महिलाओं को सामंतवाद द्वारा सदियों से चले आ रहे दोहरे और तिहरे उत्पीड़न से मुक्ति दिलाई.इसके कई प्रावधानों में यह शर्त थी कि महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. पूंजीवादी देशों में समान काम के लिए समान वेतन के कानूनों के बावजूद भी एक बड़ा 'लैंगिक वेतन अंतर' आज भी बना हुआ है.
बाद में जनवादी कोरिया में महिलाओं के लिए समान अधिकारों को संविधान में शामिल किया गया . जनवादी कोरिया के समाजवादी संविधान' के अनुच्छेद 77 में कहा गया है कि 'महिलाओं को पुरुषों के साथ समान सामाजिक दर्जा और अधिकार दिए गए हैं जिसके तहत राज्य मातृत्व अवकाश, कई बच्चों वाली माताओं के लिए काम के घंटे कम करके, प्रसूति अस्पतालों, डे केयर सेंटर, किंडरगार्टन और अन्य उपायों का एक विस्तृत नेटवर्क प्रदान करके माताओं और बच्चों को विशेष सुरक्षा प्रदान करने के साथ साथ महिलाओं को समाज में अपनी पूर्ण भूमिका निभाने के लिए सभी परिस्थितियां मुहैय्या कराएगा.
जनवादी कोरिया में, पूंजीवादी देशों के विपरीत, लैंगिक समानता को अमली जामा पहनाने के लिए कई व्यावहारिक और पर्याप्त उपाय किए गए हैं. बच्चों की देखभाल पूरी तरह नि: शुल्क है और पूरे देश में हरेक कार्यस्थलों पर डे केयर सेंटर और 24/7 नर्सरी सहित नर्सरी और डे केयर सेंटर का एक बड़ा नेटवर्क है. वहीं पूंजीवादी देशों में नर्सरी बहुत महंगी होती हैं.जनवादी कोरिया में वैतनिक मातृत्व अवकाश को 1970 के दशक के 77 दिनों से बढ़कर 1980 के दशक में 150 दिन किया गया और 2012 में इस अवकाश को 240 दिन कर दिया गया और इसे नियमित और अतिरिक्त छुट्टियों द्वारा समायोजित किया जा सकता है. वहीं पूंजीवादी देशों की बात करें तो अमेरिका आज भी अपने देश की स्त्रियों को वैतनिक मातृत्व अवकाश का अधिकार नहीं दे सका है और जिन पूंजीवादी देशों ने वैतनिक मातृत्व अवकाश का अधिकार दिया भी है तो वह आधे अधूरे स्तर पर महिला कामगारों के बेहद छोटे हिस्से को दिया है.
इसके अलावा जनवादी कोरिया में जिन महिलाओं के 3 से अधिक बच्चे हैं, वे 6 घंटे काम कर सकती हैं, लेकिन उन्हें 8 घंटे का वेतन मिलता है, जो कि पूंजीवादी समाज में पूरी तरह से नामुमकिन ही है.जनवादी कोरिया में महिलाएं महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर हैं। देश की संसद सर्वोच्च जन सभा (Supreme people's assembly) और प्रांतीय जन समितियों में कई महिलाएँ हैं.
जनवादी कोरिया में महिलाओं के लिए निदेशक, उप निदेशक या प्रबंधक या प्रधान शिक्षक जैसे पदों पर रहना काफी आम है, तो वहाँ लैंगिक समानता कोई दूर का सपना या नारा नहीं बल्कि एक वास्तविकता है.
वहीं दुनिया के घनघोर पूंजीवादी नरक दक्षिण कोरिया की बात करें तो वहाँ महिला अधिकार काफी दयनीय स्थिति में हैं. दक्षिण कोरिया में पुरुषों और महिलाओं के बीच वेतन का अंतर 31.5 फीसदी है जो कि पूंजीवादी देशों के गिरोह OECD के औसत 13.1 फीसद के दोगुने से भी ज्यादा है. दक्षिण कोरिया में वैतनिक मातृत्व अवकाश तो दूर वहाँ महिला कामगारों से माहवारी के लिए एकाध दिन की छुट्टी मांगने पर उनसे सेनेटरी पैड दिखाने तक की मांग करने वाली घटनाएं होती हैं. यही नहीं दक्षिण कोरिया में महिलाओं के प्रति नफरत और अपराध साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं. वहाँ के लैंगिक समानता और परिवार मंत्रालय(Ministry of gender equality and family) के अनुसार वहाँ की स्त्री जनसंख्या का 18.5℅ बलात्कार और अन्य यौन उत्पीड़न का शिकार है खासकर 30 से नीचे आयु वर्ग की युवतियों के साथ यौन हिंसा या उत्पीड़न आम बात है साथ ही सेना के भीतर 90℅ महिला सैनिक यौन शोषण की शिकार हैं. दक्षिण कोरिया में पिछले दस सालों 2011-2021 के दौरान घरेलू हिंसा की वारदातों में 7.3℅ की वृद्धि दर्ज की गई. वहाँ महिलाओं में आत्महत्या की प्रवृत्ति भी जोर पकड़ रही है खासकर 20 आयु वर्ग की युवतियों में आत्महत्या की दर 2017 में 11.4℅ थी जो 2018 और 2019 में बढ़कर क्रमशः 13.2℅और 16.6℅ हो गई.
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