असली आत्मनिर्भर विकास-1



उत्तर कोरिया के खिलाफ तथाकथित मुख्यधारा के तथाकथित स्वतंत्र मीडिया के असंख्य झूठ में से एक झूठ यह भी फैलाया जाता है कि केवल वहाँ की राजधानी फ्यंगयांग ही विकसित है और उसे छोड़कर देश के अन्य शहर बहुत ही पिछड़े हुए हैं और एक तरह से आदिम युग में जी रहे हैं. जबकि सच्चाई यह है कि उत्तर कोरिया के अन्य शहर अपने स्थानीय संसाधनों के बूते ही अपना शानदार कायाकल्प कर रहे हैं. 


ढाई लाख की आबादी वाला खांग्यै शहर(강계시) जो छागांग प्रांत(자강도)की राजधानी भी है उसका शानदार कायाकल्प भी इसी कड़ी का हिस्सा है.इस शहर के सारे पुराने अपार्टमेंटों का कायाकल्प किया गया है. स्थानीय निवासियों का कहना था कि पुराने अपार्टमेंट में बरामदा नहीं था और काफी धूल हो जाने से बहुत परेशानी होती थी पर उसके बन जाने से अब काफी आराम है. सनद रहे कि उत्तर कोरिया एक समाजवादी देश है और आजीवन मुफ्त आवास वहाँ के नागरिकों का मौलिक अधिकार है. इसलिए इमारत के पुनर्निर्माण में भी नागरिकों का एक पैसा भी नहीं लगा है. खांग्यै शहर की जन समिति(인민위원회) (सोवियत संघ की सोवियत के समकक्ष) के उपाध्यक्ष का कहना था कि अपार्टमेंटों के पुनर्निर्माण में लगने वाले फाईल, सीमेंट स्टील इत्यादि स्थानीय स्तर पर ही जुटाए गए. 


खांग्यै शहर की इमारतों के पुनर्निर्माण में  प्रयुक्त हुआ सीमेंट शहर में स्थित सालाना हजारों टन उत्पादन करने वाले और सरकार की तरफ से आदर्श घोषित किए गए एक छोटे से सीमेंट कारखाने से आया है. इस कारखाने के मैनेजर का कहना था कि पहले इस कारखाने में बनने वाला सीमेंट गुणवत्ता में निम्न स्तर का होने के कारण मजबूती की गारंटी नहीं थी पर हम पीछे नहीं हट सकते थे. शहर के आसपास ही कामगारों की अथक मेहनत से सीमेंट के लिए जरूरी चूना पत्थर और अन्य कच्चे माल का स्त्रोत खोज निकाला गया और उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाली सीमेंट बनाने के लिए पूरे लगन से ज्ञान हासिल किया और इस तरह से उच्च शक्ति वाले सीमेंट का उत्पादन शुरू हुआ. उसी तरह शहर में एक और आदर्श कारखाना है जो 10 तरह की सीमेंट फाईलों और संबंधित सामग्रियों का उत्पादन करता है. पहले इस कारखाने में बनने वाले फाईलों की गुणवत्ता भी निचले स्तर की थी पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग और कामगारों की मेहनत से अब उच्च गुणवत्ता हासिल कर ली गई है. शहर के पोल्ट्री कारखाने से निवासियों को चिकन और अंडों की आपूर्ति होती है. सिर्फ उत्पादन ही नहीं यहाँ के चिकन और अंडे भी स्वाद और गुणवत्ता के लिहाज से उच्च स्तर के हैं. इस पोल्ट्री कारखाने के गेट पर बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है "केवल आत्मनिर्भरता ही जीने का रास्ता है! " (자력갱생만이 살길이다!) . इसके अलावा खांग्यै शहर के मिनरल वाटर , खाद्य प्रसंस्करण और दवाई कारखानों के अलावा शहर के सांस्कृतिक मनोरंजन केंद्र का भी शानदार कायाकल्प किया गया है.


सनद रहे कि खांग्यै शहर उस देश में है जहाँ पर दुनिया के सबसे ज्यादा अमानवीय, क्रूर और कठोरतम आर्थिक प्रतिबंध इसलिए लगे हुए हैं कि उत्तर कोरिया की समाजवादी व्यवस्था का पतन हो जाए साथ ही अमेरिकी साम्राज्यवादियों का खतरा तो है हीं   इन सभी बाधाओं के बावजूद भी उत्तर कोरिया की समाजवादी व्यवस्था अपने नागरिकों के सभ्य , सुसंस्करित जीवन और उन्नत कल्याणकारी व्यवस्था की गारंटी देती है.


अगर उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइलों से फुर्सत मिले तो ये भी जान  लीजिए कि वहाँ गाँवों,कस्बों और शहरों का असल विकास होता है और असली आत्मनिर्भरता के दर्शन भी होते हैं. बाकी हम तो इन चीजों में असल विश्वगुरु हैं हीं.



 इसके अलावा दक्षिणी फ्यंगआन प्रांत स्थित संगछन काउंटी में जनता के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए आत्मनिर्भर और बहुपक्षीय विकास का काम जोर शोर से चल रहा है. काउंटी में नए घर और इमारतों को बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर ही सीमेंट, छड़, लकड़ी और शीशे का इंतजाम किया गया. वहीं इसी काउंटी में बिना केंद्रीय सरकार की मदद लिए काउंटी स्तर पर ही खुद का जलविद्युत केंद्र बनाया गया जिससे इलाके के कारखानों और घरों को लाभ मिल रहा है.

वहीं देश के नाम्फो शहर के एक हिस्से का वहाँ के कामगारों ने अपने दम पर दो महीने में ही कायाकल्प कर डाला. इसमें इलाके के  सांस्कृतिक केंद्र, स्टेडियम, पार्क, और बहुमंजिला अपार्टमेंट शामिल हैं. बाकी बची इमारतों का कायाकल्प भी इस साल तक कर दिया जाएगा. जाहिर सी बात है कि संगछन काउंटी और नाम्फो शहर की ये सारी परियोजनाएं किसी वर्ल्ड बैंक या विदेशी सहायता के बिना ही चलीं हैं. क्योंकि उत्तर कोरिया स्वतंत्र और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था वाला देश है.

असली आत्मनिर्भरता और वोकल फाॅर लोकल उत्तर कोरिया की इन काउंटियों और प्रांतीय शहरों से सीखिए नहीं तो जुमलेबाजी का भरपूर मजा लेते रहिए और फोटोशॉप तो है ही.

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