खुशी के पल



 उत्तर कोरिया की विभिन्न ईकाईयों जैसे कारखानों, स्कूल काॅलेजों दफ्तरों में अपने उद्यान लगाने की परंपरा है. प्योंगयांग के एक सरकारी स्कूल (उत्तर कोरिया में निजी क्षेत्र पाया ही नहीं जाता है) का अपना वनस्पति उद्यान (Botanical Garden) ना सिर्फ स्कूल की सुंदरता में चार चांद लगाता है बल्कि छात्रों को बिना वनस्पति उद्यान गए स्कूल में ही विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों और फूलों से परिचित होने और संबंधित जानकारी बढ़ाने में मदद मिलती है. इस उद्यान में 1000 किस्म के पेड़ पौधे हैं. स्कूल  के एक कर्मी का कहना है कि विद्यार्थी काॅमरेडों के साथ उद्यान घूमने में उन्हें बहुत अच्छा लगता है और फुर्सत के पलों में उनके सहकर्मी कॉमरेड यहाँ किताब पढ़ते और स्वच्छ हवा खाते हुए मानसिक शांति का अनुभव करते हैं. वहीं स्कूल की एक छात्रा का कहना था कि इस स्कूल में दाखिले के बाद पहली बार तरह तरह के पेड़ पौधों को देखना एक विलक्षण अनुभव है.


उत्तर कोरिया के दूसरे स्कूलों में भी ऐसे ही वनस्पति उद्यान लगाए गए हैं. 


विश्वगुरु के सरकारी तो छोड़ ही दीजिए कितने निजी स्कूलों के पास ऐसी व्यवस्था है? 


वहीं उत्तर कोरिया के पूर्वी तट पर बसे बंदरगाह शहर वनसान में दूर दराज रहने वाले प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए कई नए मार्गों पर स्कूल बसें चलाई जा रहीं हैं (यह सुविधा भी बिल्कुल मुफ्त है). यह वर्कर्स पार्टी की भविष्य की पीढ़ी के प्रति उसके प्यार को दर्शाती है.इन स्कूल बसों से आने जाने वाले बच्चों की खुशी देखते ही बनती है.

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