अमेरिकी पर्यटकों की नजर में जनवादी कोरिया

 7 सितम्बर 2017 का लेख

उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए अमेरिकी पर्यटकों के दल में शामिल एक अमेरिकी महिला ने अपनी यात्रा के तीसरे दिन ही कहा कि वो उत्तर कोरिया से वापस नहीं जाना चाहती.

बीते 5 अगस्त से लेकर 14 अगस्त 2017 तक अमेरिका के युद्ध विरोधी संगठन Answer Coalition के कार्यकर्ताओं ने उत्तर कोरिया को समझने के लिए चीन के छिंगहवा विश्ववविद्यालय(Tsinghua University) के कोरियाई मूल के विजिटिंग प्रोफेसर चुंग कियुल(Chung KiYul) के साथ वहां की यात्रा की.

 प्रोफेसर चुंग ने दक्षिण कोरिया के एक इन्टरनेट आधारित प्रगतिशील और उत्तर कोरिया से सहानुभूति रखने वाले अख़बार को दिए गए वीडियो इंटरव्यू में यह बात कही . इस लेख में वह कोरियाई भाषा में दिया गया वीडियो इंटरव्यू भी है. कोरियाई भाषा का यह लेख (लिंक : http://m.jajusibo.com/35213) प्रोफेसर चुंग के वीडियो इंटरव्यू का ही सारांश है. मैं इस लेख के मुख्य बिन्दुओ का कोरियाई भाषा नहीं जानने वाले और उत्तर कोरिया के बारे में उत्सुक दोस्तों के लिए हिंदी में अनुवाद कर रहा हूँ.


आईये देखते हैं कि अपने जीवन में पहली बार उत्तर कोरिया गए उन अमेरिकियों ने अपने शत्रु उत्तर कोरिया को किस नजरिये से देखा और महसूस किया.


उन अमेरिकी पर्यटकों ने अपनी उत्तर कोरिया यात्रा की पहली रात को कैसोंग शहर स्थित एम्यूज़मेंट पार्क का दौरा किया .  रात के 12 बजे तक पार्क खुला होने और लोगों की भारी भीड़ देखकर उन्हें तगड़ा झटका लगा (उस दिन वीकेंड था, लेकिन अमेरिकियों को तो यह लगा होगा कि उत्तर कोरिया के लोग क्या खाक मनोरंजन करना जानते होंगे और शाम में वहां तो कर्फ्यू वाले हालात होंगे और लोग अपने अपने घरों में बंद हो जाते होंगे ) , उन अमेरिकियों ने पार्क में सारे झूलों का स्थानीय लोगों के साथ जमकर आनंद उठाया.


इसके अलावा अमेरिका द्वारा अपने नागरिकों को उत्तर कोरिया की यात्रा करने से प्रतिबंधित करने की घोषणा के बाद अमेरिकियों के साथ साथ यूरोपीय पर्यटकों का आना भी लगभग बंद हो गया , लेकिन उत्तर कोरिया के कई पहाड़ और घाटियाँ स्थानीय लोगों से भरी पड़ी थीं और स्थानीय लोग अपने साथ खाने पीने की चीजों के अलावा कराओके मशीन लाकर नाच और गा भी रहे थे. इन अमेरिकी पर्यटकों ने भी उन स्थानीय लोगों के साथ बात चीत की और उनके साथ मजे किये.


यही नहीं राजधानी प्योंगयांग के नवनिर्मित फ्यूचर साइंटिस्ट स्ट्रीट के सारे रेस्तरां स्थानीय लोगों से भरे हुए मिले और बाहर लम्बी लाइन भी लगी हुई थी. अमेरिकी पर्यटकों के लिए यह नजारा भी आश्चर्यजनक था. यही नहीं उन अमेरिकी पर्यटकों ने एक रेस्तरां के अन्दर जाकर स्थानीय लोगों से बात चीत करने कि इच्छा जताई और वहां उन्हें उत्तर कोरिया के एक प्रसिद्ध इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर भी मिले जिन्हें अंगेरजी आती थी और उन पर्यटकों ने उन प्रोफेसर से दिल खोलकर अपनी जिज्ञासाएं शांत कीं और उन अमेरिकी पर्यटकों के साथ गए प्रोफेसर चुंग ने उन अमेरिकियों के साथ मजाक करते हुए कहा कि देखिये आप लोगों के लिए मैंने गुप्त रूप से पहले से ही उस पार्क में सैकड़ों आदमियों की भीड़ जुटाई और यहाँ पर भी रेस्तरां के अन्दर इतने ग्राहकों को जुटाया और आपकी बात चीत का इंतजाम किया , अमेरिकी इसपर ठठाकर हंस पड़े ( आपको पता होना चाहिए कि उत्तर कोरिया के बारे में यह भी दुष्प्रचार किया जाता है कि जब भी वहां विदेशी पर्यटक आते हैं वहां लोगों को बाहर घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है जिससे कि विदेशियों को लगे कि उत्तर कोरिया में सब कुछ ठीक ठाक है. मानो उत्तर कोरिया की सरकार के पास यही काम रह गया हो. और दुष्प्रचार करने वाले तो यहाँ तक कहते हैं राजधानी प्योंगयांग की लगभग सारी इमारतें नकली है यहाँ तक की मिसाइल भी ).


इसके अलावा उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने उत्तर कोरियाई नागरिकों को विश्व स्तर की चीजें प्रदान करने पर जोर दिया है और इसके तहत सरकारी खर्चे पर जिम्मेदार व्यक्तियों को विदेश में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया. उत्तर कोरिया में अब विश्वस्तरीय पिज़्ज़ा, कॉफी बियर इत्यादि उपलब्ध हैं. इतना ही नहीं उत्तर कोरिया ने विश्वस्तरीय डेयरी तकनीक प्रशिक्षण के लिए भी इंजीनियरों को यूरोप भेजा। इसके अलावा उन्नत किस्म की सब्जियों के बीज को विदेशो से लाकर उसे उत्तर कोरिया के स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित किया गया और बड़े पैमाने पर इन बीजों का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया परिणामस्वरूप आज उत्तर कोरिया में सब्जियों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है.इसके अलावा उत्तर कोरिया में मछलियों की इतनी प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है कि इस बची हुई मात्रा को कोई लेना भी नहीं चाहता . उसी तरह चिकेन, पोर्क और बीफ की आपूर्ति में बढ़ोतरी हो रही है.  (सनद रहे कि उत्तर कोरिया का केवल 15% भूभाग ही खेती के लायक है ).


उन अमेरिकी पर्यटकों को घोर आश्चर्य हुआ कि जिस उत्तर कोरिया को वो एक पूरी तरह से बंद समाज समझते थे वो इतनी सक्रियता से दुनिया के साथ जुड़ा हुआ है. अगर आप अभी भी तो दुष्प्रचार से प्रभावित होकर उत्तर कोरिया को दुनिया से कटा हुआ देश समझ रहे हैं तो अपनी यह सोच बदलने की कोशिश करें.  केवल अमेरिका और उसके दुमछल्लों द्वारा लगाये गए तमाम प्रतिबंध ही उत्तर कोरिया को दुनिया से जुड़े होने में एक अवरोधक का काम करते हैं. 


उत्तर कोरिया का आर्थिक विकास अब दिखने लगा है , खास तौर पर एक समय गंभीर खाद्यान संकट का सामना कर रहे उत्तर कोरिया में अब यह संकट बीते दिनों की बात हो गया है . उत्तर कोरिया में सस्ते दामों पर चीजें उपलब्ध करने के लिए कई बड़े सुपरमार्केट खुले हैं. और उत्तर कोरिया में ही बनी कई उपभोक्ता सामग्रियों ने अब लगभग पूरी तरह से चीन की सस्ती उपभोक्ता सामग्रियों की जगह ले ली है. उन अमेरिकी पर्यटकों ने उत्तर कोरिया में बनी उपभोक्ता सामग्रियों की विश्वस्तरीय गुणवत्ता को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। इसके अलावा उत्तर कोरियाई लोगों का पहनावा भी विविध रंगों वाला और आधुनिक हो चला है. उत्तर कोरिया में गगनचुंबी अपार्टमेंट बनाकर मुफ्त में लोगों को दिए जा रहे हैं ( सनद रहे कि उत्तर कोरिया में मुफ्त में सभी लोगों को आजीवन घर देना सरकार की जिम्मेदारी है ).


उत्तर कोरिया में जरूर सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है. सोवियत संघ के पतन के बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिका द्वारा युद्ध की धमकियों और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों के साये में रहने के कारण उसे सैन्य क्षेत्र में पूरा ध्यान लगाना पड़ा और अब जब उत्तर कोरिया घरेलू अर्थव्यवस्था के विकास में लगा है तो सबसे पहले लोगों की बुनियादी जरूरतें उसकी प्राथमिकता में है , इसीलिए वह सड़कों पर उतना ध्यान नहीं दे पा रहा है.


इसके अलावा प्रतिबंधों की मार झेल रहे और सालों से बंद पड़े उत्तर कोरिया के निर्माण कार्य अब पुरे होने लगे हैं. अब अनेरिका उत्तर कोरिया पर चाहे जितना भी प्रतिबन्ध लगाए उसने निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है और अब वह खुद से ही इन सड़कों की समस्या को भी सुलझा लेगा.


पहले उत्तर कोरिया में सड़कों के किनारे के पहाड़ पेड़विहीन हुआ करते थे। लेकिन अब उन पहाड़ों पर पेड़ लगा दिए गए हैं. अमेरिकी पर्यटक पहाड़ों की ऐसी हरियाली देख कर अचंभित हो गए और इसकी प्रशंसा की.


उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए उन अमेरिकी पर्यटकों में से एक 60 साल की वृद्ध महिला ने अपनी यात्रा के तीसरे दिन ही कहा की वो उत्तर कोरिया को छोड़कर अमेरिका वापस नहीं जाना चाहती है और इसके अलावा वह दुबारा अपनी बेटी के साथ जरूर उत्तर कोरिया आएगी. इससे पता चल जाता है कि वे पर्यटक उत्तर कोरिया से किस कदर प्रभावित हुए ( उत्तर कोरिया की यात्रा से लौटे ज्यादातर पर्यटकों का कहना है कि वो दुबारा उत्तर कोरिया जाना चाहते है क्योंकि उत्तर कोरिया के बारे में वो जो कुछ भी बुरा सुनते , पढ़ते आये थे , उत्तर कोरिया उसके एकदम उलट है ).


इसके अलावा उत्तर कोरिया इन दिनों विदेशी पर्यटकों को अनिवार्य रूप से उन्हें अपने देश के दो दिवंगत नेताओं किम ईल सुंग और किम जोंग ईल की प्रतिमाओं के देखने और श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं कहता है. अब यह उन पर्यटकों की मर्जी पर है की वो अपने यात्रा के अंतिम दिन ऐसा करना चाहते हैं कि नहीं हालाँकि कई विदेशी पर्यटकों ने कहा कि वे अपनी उत्तर कोरिया यात्रा के अंतिम दिन खुद से उन नेताओं को श्रद्धांजलि देने जायेंगे.

 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

काॅमरेड किम इल संग की उपलब्धियां -3

यूक्रेन में जनवादी कोरिया के सैनिक (?)-2

यूक्रेन में जनवादी कोरिया के सैनिक (?)-1