अमेरिका की जनवादी कोरिया नीति — हर चाल असफल, पूर्ण दिवालियापन
अक्सर कहा जाता है कि अमेरिका की राजनीति दो-दलीय व्यवस्था है — डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी . दोनों दल आपस में विरोध और प्रतिस्पर्धा के रिश्ते में रहते हैं. आज भी दोनों पार्टियों के बीच बजट पारित करने को लेकर टकराव चल रहा है , जिसके कारण संघीय सरकार का बंद होना (शटडाउन) जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है. लेकिन यह स्थिति केवल अमेरिका के आंतरिक मामलों तक ही सीमित है. विदेश नीति के मामलों में दोनों दल पारंपरिक रूप से दलीय मतभेदों से ऊपर उठकर सहयोग करते आए हैं. इसका एक प्रसिद्ध उदाहरण है 1947 में रिपब्लिकन सीनेटर आर्थर वैनडेनबर्ग का वक्तव्य — जब उन्होंने डेमोक्रेटिक सरकार को द्विदलीय सहयोग का वचन देते हुए कहा था , “ राजनीति सीमाओं पर आकर रुक जाती है.” अमेरिकी विदेश नीति में इस दलीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए 1921 में "काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस ( CFR)" की स्थापना की गई थी. यह संस्था अमेरिका की सबसे प्रमुख द्विदलीय थिंक टैंक मानी जाती है , जिसमें डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों दलों के अनेक प्रमुख नेता शामिल रहे हैं. इस संगठन की पत्रिका ‘ फॉरेन अफेयर्स’ ( ...