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अप्रैल, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जूछे विचारधारा

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  जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया)  की जूछे विचारधारा संक्षेप में 1.जूछे विचार क्या है और यह कैसे अस्तित्व में आया?   जूछे का शाब्दिक अर्थ होता है जू  (주,主)  यानि मुख्य और छे (체,體 ) यानि शक्ति या घटक  यानि मुख्य शक्ति. ये मुख्य शक्ति है मनुष्य (जनता) . जूछे विचार धारा कहती है कि  मनुष्य ( जनता) ही क्रांति और निर्माण और साथ ही अपनी नियति का मालिक है . मनुष्य(जनता) को अपने दम पर अपनी जिम्मेदारी से क्रांति करनी चाहिए और क्रांति के दौरान उत्पन्न होने वाली सभी समस्याओं का समाधान स्वतंत्र और रचनात्मक तरीके से करना चाहिए और क्रांति के विजयी होने के लिए जनता को खुद को शिक्षित और संगठित करना चाहिए. जूछे विचार के तीन मूलभूत तत्व हैंं 1. राजनीतिक स्वतंत्रता 2. आर्थिक आत्मनिर्भरता 3. रक्षा आत्मनिर्भरता जूछे विचार जापानी साम्राज्यवाद के खिलाफ कोरियाई जनता के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान नेता काॅमरेड किम इल संग द्वारा 1930 में चीन के कालून नामक स्थान में हुई क्रांतिकारियों की बैठक में दिया गया. जूछे विचार वास्तविक स्थिति की मांगों का पालन करने के लिए अस्तित्व में आया. साथ ही जूछे विचार को कोरि

पूर्ण स्वतंत्र और आत्मनिर्भर देश जनवादी कोरिया

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क्या जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) अपने अस्तित्व के लिए चीन पर आश्रित है?   नहीं जनवादी कोरिया पूरा आजाद और आत्मनिर्भर है!   जनवादी कोरिया के खिलाफ साम्राज्यवादी दुष्प्रचार का वायरस दक्षिणपंथियों और लिबरलों को छोड़ भी दें तो वामपंथी तबकों में भी मौजूद है! वे समझते हैं कि जनवादी कोरिया (क्यूबा भी) रूस और चीन पर अपने अस्तित्व के लिए निर्भर हैं!  थोड़ा और पीछे जाऐं तो ये बात भी सामने आती है कि जनवादी कोरिया सोवियत संघ के दिनों में उसकी मदद से बना और पल रहा था या वह चीन की सहायता से अपना अस्तित्व बचाए हुए है. बात तो यहाँ तक की जाती है कि जनवादी कोरिया सोवियत संघ या चीन की नकल है.  ऐसी समझ को बढ़ावा देने वाले लोगों में  ऐसे लोग शामिल हैं जो सचमुच जनवादी कोरिया के बारे में कम या नहीं के बराबर जानते हैं या वे बड़ी शक्तियों के पूजक (Big Power Chauvinist) हैं  या अपने आप को  स्वतंत्र और प्रगतिशील(?) कहने वाले अंतर्राष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ हैं या अपने आप को शत प्रतिशत शुद्ध बताने वाले मार्क्सवादी भी! ( अमेरिका और दक्षिण कोरिया या अन्य और उनसे जुड़ी संस्थाओं के पैसों पर जीवन यापन करने वाले व

सारीवन शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय

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जनवादी कोरिया में आधुनिकतम सुविधाओं से लैस एक और शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय (Teachers Training College) का उद्घाटन. विगत 13 अप्रैल 2022 को जनवादी कोरिया के उत्तरी ह्वांगहे प्रांत(황해북도) की राजधानी सारीवन (사리원시) में प्रांत में शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर को और बेहतर करने  और छात्रों को क्रांतिकारी प्रतिभा के रुप में विकसित करने के लिए आधुनिकतम सुविधाओं से लैस एक नए शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय का उद्घाटन किया गया.  इस महाविद्यालय में छात्रों के लिए बहुउद्देशीय प्रयोगशालाएँ, ई लाईब्रेरी (E Library), जिमखाना, हाॅस्टल  आदि की सुविधाएं हैं(इस शानदार काॅलेज में पढ़ने और बाकी सुविधाओं के उपयोग के लिए छात्रों को एक पैसा भी नहीं देना पड़ेगा क्योंकि जनवादी कोरिया में सभी तरह की शिक्षा और उससे जुड़ी सुविधाओं का उपयोग बिल्कुल मुफ्त है). उद्घाटन समारोह में उत्तरी ह्वांगहे प्रांत के पार्टी सचिव के अलावा इस महाविद्यालय को बनाने वाले मजदूर, अध्यापक, छात्र और कर्मचारी शामिल थे. जनवादी कोरिया की समाजवादी शिक्षा व्यवस्था का लक्ष्य पूंजीपतियों और उसकी मैनेजिंग कमिटी यानि सरकार के लिए गुलाम और चाकर पैदा

फ्यंगयांग की रात

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  समाजवादी देश जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) की राजधानी फ्यंगयांग की रात के नजारे का वीडियो ( जनवरी और अप्रैल 2022). फ्यंगयांग शहर की रात की जगमगाहट किसी भी विकसित पूंजीवादी शहरों से कम नहीं है पर  ऐसे शहरों के विपरीत  समाजवादी शहर फ्यंगयांग में जुआ घर, चकलाघर, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जगमगाते बिलबोर्ड, बेघर, भिखारी , माफिया गैंगस्टर बिल्कुल नहीं हैं.

काॅमरेड किम इल संग की उपलब्धियां (1)

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काॅमरेड किम इल संग के द्वारा अद्वितीय जूछे विचार आधारित समाजवादी देश जनवादी कोरिया की स्थापना. जनवादी कोरिया  के संस्थापक और महान नेता और राष्ट्रपति रहे काॅमरेड किम इल संग की 110 वीं जयंती आने वाले 15 अप्रैल को दुनिया भर के प्रगतिशील लोगों द्वारा मनाई जाएगी. इस अवसर पर काॅमरेड राष्ट्रपति किम इल संग की उपलब्धियों का उल्लेख करना जरूरी हो जाता है. काॅमरेड राष्ट्रपति किम इल संग की महानतम उपलब्धियों में से एक अद्वितीय आत्मनिर्भरता (जूछे) दर्शन पर आधारित एक समाजवादी देश की स्थापना थी और ये देश किसी दूसरे देश की नकल नहीं था और दूसरे समाजवादी देशों से बिल्कुल अलग था. ये इस सच्चाई से साबित होता है कि  1989-1991 के दौरान सोवियत संघ और अन्य समाजवादी देशों का पतन हुआ पर जनवादी कोरिया का पतन नहीं हुआ. बहुत लोग इस बात को समझ पाने में विफल हो जाते हैं कि जनवादी कोरिया में स्वतंत्र और जन केंद्रित जूछे आधारित समाजवाद था और अभी भी है. काॅमरेड राष्ट्रपति किम इल संग जो जापानी साम्राज्यवादियों के साथ 15 से अधिक वर्ष तक लड़े थे और अपनी किशोरावस्था से कोरिया में पहले क्रांतिकारी संगठनों का नेतृत्व कि

नया टाउनशिप-2

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इस पोस्ट को 15 अप्रैल 2022 को अपडेट किया गया वर्कर्स पार्टी के महासचिव कॉमरेड किम जंग उन ने 2 अप्रैल 2022 को राजधानी फ्यंगयांग के बोथोंंग नदी के किनारे लगभग पूरी हो चुकी एक आवासीय परियोजना का दौरा किया. इस परियोजना स्थल पर निर्माण कार्य पिछले साल मार्च में शुरू हुआ था और एक साल के भीतर ही एक और नया टाउनशिप बनकर तैयार है. इस आवासीय परियोजना के अंतर्गत 800 परिवारों के लिए  छत वाले आलीशान घर बनाए गऐ हैं जो जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था में अभूतपूर्व योगदान देने वाले किसानों, मजदूरों, वैज्ञानिकों , कलाकारों, पत्रकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को उपहार के तौर पर मुफ्त में दिए जाऐंगे. वैसे तो जनवादी कोरिया के हरेक नागरिक को शानदार घर मुफ्त में दिया ही जाता है क्योंकि ये उनका सांविधानिक अधिकार है. इस वीडियो फोटो स्लाइड के माध्यम से इन घरों का बाहरी और भीतरी और इलाके के रात का नजारा देखिए.   जनवादी कोरिया में आपको खाली घर नहीं सारे जरुरी फर्नीचर से युक्त भरा पूरा घर दिया जाता है. काॅमरेड किम जंग उन ने अपने इस दौरे में सारे फर्नीचर और बाकी चीजों को खुद जांचा परखा और 15 अप्रैल से पहले तक

असली वोकल फाॅर लोकल

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 जनवादी कोरिया में केवल मिसाईलों और परमाणु हथियारों का ही परीक्षण नहीं किया जाता है वहाँ कई और दूसरी चीजें भी होती रहती है उनमें से एक ये है कि वहाँ स्थानीय संसाधनों से ही बनी विभिन्न प्रकार की जन उपभोक्ता वस्तुओं  (인민소비품) की प्रदर्शनियां समय समय पर आयोजित की जाती हैं. इस बार ऐसी ही प्रदर्शनी देश के उत्तरी ह्वांगहे (황해북도) और दक्षिणी हामग्यंग (함경남도)प्रांत में लगाई गई.  इन जन उपभोक्ता वस्तुओं की प्रदर्शनी का उद्देश्य जनता की मांग का पता करना और उसके अनुसार इन वस्तुओं का उत्पादन बढ़ाना था. उत्तरी ह्वांगहे प्रांत की राजधानी सारीवन शहर(사리원시) में आयोजित प्रदर्शनी में  प्रांत के शहरों और काउंटियों की सभी उपभोक्ता वस्तु निर्माता कंपनियों ने हिस्सा लिया और 1150 किस्म की दसियों हजार उपभोक्ता वस्तुओं का प्रदर्शन किया. इन वस्तुओं को बनाने में प्रांतीय स्तर पर ही मिलने वाले कच्चे माल का ही इस्तेमाल किया गया है और उनकी गुणवत्ता पर भी  खास ध्यान दिया गया है. इस प्रदर्शनी में उत्तरी ह्वांगहे प्रांत में उपलब्ध संसाधनों से ही बने सोया साॅस, वाईन, चाय और तरल साबुन  और स्थानीय स्तर पर बहुतायत में उपलब्ध प