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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

केवल 32,000 भगोड़े!

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 समाजवादी देश उत्तर कोरिया को पूरी दुनिया में दिनरात बदनाम करने के लिए अमेरिकी साम्राज्यवाद और उसकी फासिस्ट कठपुतली दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया से भागकर दक्षिण कोरिया में रह रहे  लोगों को मोहरा बनाकर अपना कपटपूर्ण और गंदा खेल खेलते रहते हैं.  ये सवाल उठना लाजमी है कि ऐसे लोगों के उत्तर कोरिया से भागने के क्या कारण हैं पर उसके पहले ये जानना जरूरी है कि अभी तक कितने लोगों ने उत्तर कोरिया से भागकर दक्षिण कोरिया में शरण ली है. दक्षिण कोरिया के अपने आंकड़ों के अनुसार उसके यहाँ रह रहे उत्तर कोरियाई भगोड़ों की संख्या लगभग 30-32 हजार है. हलांकि ये संख्या भी दक्षिण कोरिया द्वारा बढ़ा चढ़ा कर बताई गई हो सकती है. अगर इसे सही भी माने तो ये उत्तर कोरिया की जनसंख्या के हिसाब से 1 फीसदी से भी कम है. और ये 30-32 हजार भी किसी एक साल के अंदर भागे हुए लोगों की संख्या नहीं है बल्कि 1948 में उत्तर कोरिया के अस्तित्व में आने से लेकर अबतक इन 74 सालों के दौरान वहाँ से भागे लोगों की संख्या है. वहीं तथाकथित "धनी , विकसित और उदार"  दक्षिण कोरिया में   वहाँ के न्याय मंत्रालय (Ministry of Justice,법무부) के

नया टाउनशिप

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  इस पोस्ट को 12 अप्रैल 2022 को अपडेट किया गया समाजवादी राजसत्ता वाले देश जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) में जनहित के काम लगातार जारी हैं. 16 मार्च 2022 को वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने राजधानी फ्यंगयांग में लगभग पूरे हो चुके 10,000 फ्लैट वाले नए टाउनशिप का दौरा किया. वर्कर्स पार्टी की जनवरी 2021 में आयोजित आठवीं पार्टी कांग्रेस में देश  की राजधानी और सबसे बड़े शहर फ्यंगयांग में आवास समस्या को सुलझाने के लिए पांच साल में 50,000 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया और इसके तहत 2025 तक हर साल10,000 फ्लैट बनाए जाएंगे यानि एक नया टाउनशिप बसाया जाएगा और देखिए 23 मार्च 2021 को नींव खुदाई का काम शुरू होने के एक साल के भीतर ही  10,000 फ्लैटों वाला एक नया टाउनशिप बनकर तैयार है.इस टाउनशिप में फ्लैट के अलावा स्कूल, अस्पताल, सांस्कृतिक मनोरंजन केंद्र, पार्क, शापिंग काम्प्लेक्स, खेलकूद के मैदान समेत अन्य जन सुविधाएं भी हैं. इस टाउनशिप में 80 मंजिला फ्लैट काम्प्लेक्स से लेकर कई अन्य बहुमंजिली इमारतें भी हैं. ये टाउनशिप लगभग बन के तैयार हो चुका है जो भी काम बचा है उसे अप्रैल  2022 के पहले हफ्ते

अमेरिकी साम्राज्यवाद की फासिस्ट कठपुतली दक्षिण कोरिया में कोरोना कहर

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  इन दिनों जहाँ कोरोना के मामले इससे बुरी तरह प्रभावित देशों में ढलान पर हैं वहीं कोरोना की पहली  लहर से लेकर पिछले साल तक कोरोना पर काबू पाने के लिए अपने तथाकथित माॅडल का दुनिया भर में ढिंढोरा जोर जोर से पिटवाने वाले दक्षिण कोरिया में इस साल की शुरुआत से कोरोना ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. किसी भी देश ने कोरोना पर काबू पाने के अपने माॅडल का उतना ढिंढोरा नहीं पिटवाया जितना दक्षिण कोरिया ने किया. अभी हालात ये हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना के दैनिक मामले दक्षिण कोरिया से ही आ रहे हैं. दुनिया के 4 कोरोना संक्रमितों में से एक दक्षिण कोरियाई है और पूरी दुनिया के 27 फीसदी कोरोना के मामले दक्षिण कोरिया से हैं .अभी दक्षिण कोरिया में  कोरोना संक्रमितों की संख्या  इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 72 लाख तक पहुँच गई है और दक्षिण कोरिया दुनिया में 13 वें पायदान पर है. कोरोना के बहाने ही सही  दक्षिण कोरिया जैसे मुल्क की सही से पड़ताल करने के लिए इसकी हरेक "तथाकथित सफलता" को जब आप गहराई से देखेंगे तो ये आपको झूठे प्रोपेगेंडा पर टिका मुल्क दिखाई देगा चाहे वो उसका तथाकथित चमत्कार

जनवादी कोरिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

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8 मार्च 2022 को जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया)  में 112 वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस दिन जनवादी कोरिया में  सार्वजनिक अवकाश रहता है .इस अवसर देश की राजधानी फ्यंगयांग समेत अन्य प्रांतीय शहरों में खेलकूद, नृत्य, गीत संगीत का आयोजन किया गया. समाजवादी व्यवस्था वाले जनवादी कोरिया में महिलाओं के पास अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ है, वहीं पूंजीवादी देशों में महिलाओं को और तिहरे उत्पीड़न और शोषण का सामना करना पड़ता है. 30 जुलाई 1946 को उत्तर कोरिया की अंतरिम जन कमेटी( Provisional People's Committee) ने यौन समानता पर कानून पारित किया, जिसने देश के इतिहास में पहली बार महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार दिया, महिलाओं को सामंतवाद द्वारा सदियों से चले आ रहे दोहरे और तिहरे उत्पीड़न से मुक्ति दिलाई.इसके कई प्रावधानों में यह शर्त थी कि महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. पूंजीवादी देशों में समान काम के लिए समान वेतन के कानूनों के बावजूद  भी एक बड़ा 'लैंगिक वेतन अंतर' आज भी बना हुआ है. बाद में जनवादी कोरिया में महिलाओं के लिए समा

असली आत्मनिर्भर विकास-2

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 मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन साम्राज्यवाद आर्थिक प्रतिबंधों को अपने विरोधी देशों को घुटने पर लाने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल करता है, जाहिर है पूरी तरह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर व्यवस्था वाले देश साम्राज्यवाद के लिए मौत के फरमान ही हैं. जनवादी कोरिया  साम्राज्यवाद के झंडाबरदार अमेरिका और और उसके पुछल्ले  देशों के द्वारा आधुनिक इतिहास के सबसे कठोर प्रतिबंधों का सामना करते हुए भी समाजवाद का झंडा मजबूती से थामे हुए है. जनवादी कोरिया जूछे नामक क्रांतिकारी आत्मनिर्भर दर्शन से संचालित होता है जिसमें स्थानीय संसाधनों का ही अधिकतम उपयोग करते हुए आगे बढ़ने की राह बताई जाती है. जनवादी कोरिया में ग्रामीण इलाकों के कायाकल्प का दौर चल रहा है. इसी कड़ी में दक्षिणी फ्यंगआन प्रांत(평안남도) के बुकछांग काउंटी (북청군)और मुनदक काउंटी (문덕군) के गांवों में नए एक मंजिला और बहुमंजिला घर बनाने में  इस्तेमाल होने वाली परिष्करण सामग्री (Finishing Material )और सीमेंट भी इन काउंटियों में ही मिलने वाले कच्चे माल से वहीं के ही कारखानों में बनाए जा रहे हैं. उदाहरण के लिए इन काउंटियों में ही पाए जाने वाले रंगीन पत्थरों से टा

रुस का समर्थन

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 यूक्रेन मसले पर बुलाई गई संयुक्त राष्ट्र आमसभा की आपात बैठक में उत्तर कोरिया के प्रतिनिधि का भाषण.  उत्तर कोरिया ने रुस के समर्थन में मतदान किया और यूक्रेन संकट के लिए अमेरिका और उसके पुछल्लों द्वारा रुस की जायज सुरक्षा चिंताओं से मुंह फेरने और उनके एकतरफा और दोहरे मापदंडों को जिम्मेदार ठहराया.