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अप्रैल, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ह्वासंग टाउनशिप

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  जनता के लिए बसाया गया एक और शानदार टाउनशिप!   विगत 16 अप्रैल 2023 को आम जनता के लिए जनवादी कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग के ह्वासंग में पहले चरण के 10, 000 फ्लैटों वाले शानदार टाउनशिप का उद्घाटन वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन द्वारा किया गया. इस विशालकाय टाउनशिप का शिलान्यास 12 फरवरी 2022 को किया गया और 1 साल 2 महीने 4 दिनों के बाद देश की असली मालिक आम जनता को सुपुर्द कर दिया गया.   समाजवाद के विकास और भविष्य की प्रतीक ये इमारतें जनवादी कोरिया की महान वर्कर्स पार्टी की अमर यात्रा के साथ-साथ दुनिया में देश की जनता की गरिमा और समृद्धि का प्रदर्शन करने और एक नए युग की शुरुआत करने के लिए एक के बाद एक उभर रही हैं. इस आधुनिक टाउनशिप का निर्माण जनवादी कोरिया की जन सेना के जवानों और सामान्य नागरिक निर्माण मजदूरों द्वारा क्रांतिकारी भावना से किया गया है. 2 सालों में फ्यंगयांग में 20,000 फ्लैटों के साथ साथ दो आधुनिक टाउनशिप भी अस्तित्व में आ चुके हैं जो पार्टी की जनवरी 2021 की आठवीं कांग्रेस के निर्णयानुसार पांच सालों में जनता के लिए 50,000 फ्लैट बनाने की परियोजना का ही हिस्सा ह

कारखाने का शिशु पालन केंद्र

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 जनवादी कोरिया में शिशु पालन राज्य का परम कर्तव्य और क्रांतिकारी कार्यभार है. इसलिए वहाँ के कारखानों के परिसरों तक में शिशु पालन केंद्र बने हुए हैं और ऐसी व्यवस्था वाला वह दुनिया का इकलौता देश है.अपने आप को असली कम्युनिस्ट समझने वाले साथियों से गुजारिश है कि थोड़ा जनवादी कोरिया के बारे में सही से थोड़ा पढ़ा लिखा करें क्योंकि जनवादी कोरिया को लेकर तथाकथित कम्युनिस्ट, लिबरल और अंधभक्त अंडोले कमोबेश एक ही भाषा बोलते पाए जाते हैं. बाकी दक्षिण कोरिया के पैसों पर पलने वाले और अपनी जमीर का सौदा करने वाले तथाकथित कोरिया विशेषज्ञों से तो कोई उम्मीद ही नहीं की जा सकती. जनवादी कोरिया के पुनर्निर्माण के दौर में छोटे बच्चों वाली कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों को कारखाने से दूर स्थित शिशु पालन केंद्र में रखना पड़ता था जिनसे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इसी के मद्देनजर जनवादी कोरिया की सरकार ने 1958 में एक कानून बनाया जिसके तहत 20 से ज्यादा मजदूरों वाले कारखानों में शिशु पालन केंद्र का होना अनिवार्य कर दिया गया. इस तरह से वहाँ लगभग सभी कारखानों में शिशु पालन केंद्र है.  हर वक्त मुनाफ

काॅमरेड किम इल संग की उपलब्धियां (2)

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    महान नेता कॉमरेड किम इल संग का जन्म 111 साल पहले 15 अप्रैल 1912 को मानग्यंगदे (अब जनवादी कोरिया की राजधानी और समाजवादी शहर फ्यंगयांग का एक सुखद, सुंदर और आकर्षक उपनगर) गांव में हुआ था.उनका जन्म एक अत्यंत देशभक्त और क्रांतिकारी परिवार में हुआ था, लेकिन पूंजीवादी देशों के नेताओं के विपरीत उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था .काॅमरेड किम इल संग के जन्मस्थान पर एक पुआल फूस का घर है जिसमें वे अपने परिवार के साथ रहते थे.घर में न तो देश की बर्फीली सर्दी से बचने के लिए कोई हीटिंग सिस्टम था और न ही घर में कोई चमक और बर्तन भी बहुत साधारण थे, एक पानी का जार भी है जिसे कई बार ठीक किया गया था. पूंजीवादी देशों के शासकों और राजनेताओं के विपरीत, काॅमरेड किम इल संग अपने मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए थे.   एक आम आदमी के घर में पले बढ़े काॅमरेड किम इल संग जनवादी कोरिया के संस्थापक और विश्व प्रसिद्ध राजनेता बने और अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन में एक बड़ा नाम भी (अब कम्युनिस्टों में भी कुछ अनपढ़ किस्म के तत्व अव्वल तो उनका नाम तक नहीं जानते और जानकारी के अभाव में उन्हें नरेंद्र म

छेजू नरसंहार

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3 अप्रैल 1948  को कोरिया  के दक्षिण (अब दक्षिण कोरिया) के  छेजू द्वीप पर कोरियाई जनता ने एक स्वतंत्र और एकीकृत कोरिया के लिए  सशस्त्र विद्रोह छेड़ दिया .उन्होंने अपने देश के विभाजन का विरोध किया और अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित धांधली वाले चुनावों का बहिष्कार किया। जवाब में, अमेरिकी सेना और दक्षिण कोरियाई  कठपुतली सरकार ने 30,000-60,000 लोगों का नरसंहार किया. छेजू नरसंहार कोरिया के इतिहास की सबसे काली घटनाओं में से एक है. छेजू की 20% आबादी मार दी गई थी, और 3 में से 1 व्यक्ति विस्थापित हो गया था. इस नरसंहार का राज दशकों से दबा हुआ था, और आज दक्षिण कोरिया का मोदी सरीखा फासीवादी राष्ट्रपति यून दक्षिण कोरियाई इतिहास की किताबों से इसे फिर से सेंसर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका ने नरसंहार में अपनी भूमिका को कभी स्वीकार नहीं किया और साम्यवाद से कोरिया को "बचाया" करने का दावा किया. लेकिन इतिहास बताता है कि अमेरिका कोरिया में स्वतंत्रता या लोकतंत्र नहीं   केवल विभाजन और सामूहिक नरसंहार लाया.